Richter Scale: जापान में नए साल के दिन (1 जनवरी को) आए 7.6 तीव्रता के भूकंप ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया है. ये भूकंप इतना तेज था कि इसने इमारतों और सड़कों को अच्छा-खासा नुकसान पहुंचाया है. रिक्टर स्केल पर भूकंप 7.6 तीव्रता का था. बहुत सारे लोग नहीं जानते हैं कि रिक्टर स्केल होता क्या है तो बता दें, रिक्टर स्केल भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए एक गणितीय पैमाना है. इसे कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के चार्ल्स रिक्टर और बेनो गुटेनबर्ग ने 1935 में विकसित किया था. रिक्टर स्केल पर 0 से 9 तक के अंक होते हैं, जिसमें 0 सबसे कम तीव्रता और 9 सबसे अधिक तीव्रता होती है. प्रत्येक अंक तीव्रता को 10 गुना बढ़ाता है। उदाहरण के लिए, 6 का परिमाण 5 के परिमाण से 10 गुना अधिक शक्तिशाली है.
पृथ्वी के केंद्र से निकलने वाली तरंगों पर करता है काम
रिक्टर स्केल भूकंप की तरंगों की तीव्रता को मापता है, जो भूकंप के केंद्र से निकलती हैं. भूकंप की तरंगें पृथ्वी के माध्यम से यात्रा करती हैं और धरती को हिलाती हैं. रिक्टर स्केल एक सिस्मोग्राफ नामक उपकरण का उपयोग करके भूकंप की तरंगों की तीव्रता को मापता है.
रिक्टर स्केल को आमतौर पर भूकंप की विनाशकारी क्षमता को मापने के लिए उपयोग किया जाता है. हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि रिक्टर स्केल एक भूकंप के प्रभाव को मापने के लिए सटीक नहीं है. भूकंप का प्रभाव भूकंप की तीव्रता के अलावा कई अन्य कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि भूकंप का केंद्र, भूकंप की गहराई, और भूकंप की सतह से दूरी.
रिक्टर स्केल के कुछ उदाहरण:
2.5 या उससे कम परिमाण का भूकंप आमतौर पर महसूस नहीं किया जा सकता है.
3.5 से 5.4 के परिमाण का भूकंप आमतौर पर कमजोर होता है और थोड़ी क्षति का कारण बन सकता है.
5.5 से 6.9 के परिमाण का भूकंप मध्यम होता है और मध्यम क्षति का कारण बन सकता है.
7.0 से 7.9 के परिमाण का भूकंप शक्तिशाली होता है और बड़ी क्षति का कारण बन सकता है.
8.0 या उससे अधिक परिमाण का भूकंप विनाशकारी होता है और व्यापक क्षति का कारण बन सकता है.
रिक्टर स्केल का उपयोग भूकंपों की निगरानी और भूकंप से संबंधित जोखिम को कम करने के लिए किया जाता है.