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क्या Smartphone सुनता है आपकी सीक्रेट बातें? असलियत जानकर आज ही लगा लेंगे लैंडलाइन

Does your mobile listen to your secret talks: अगर आप अपने पत्नी से नया एयर कंडीशनर की बात करते हैं तो फोन सुनकर आपको एसी के विज्ञापन दिखाने लगता है. हम सोच लेते हैं कि इस लेकर कभी गूगल किया होगा. लेकिन ऐसा नहीं है. 

क्या Smartphone सुनता है आपकी सीक्रेट बातें? असलियत जानकर आज ही लगा लेंगे लैंडलाइन
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Mohit Chaturvedi|Updated: Sep 04, 2024, 11:45 AM IST

Does the phone listen to our talks?: अक्सर कहीं न कहीं से खबरें आने लगती थीं कि हमारा स्मार्टफोन सीक्रेट बातें सुनती हैं. लेकिन इसको लेकर कोई ठोस सबूत नहीं दिया जाता था. लेकिन अब सबूत मिल गए हैं. एक मार्केटिंग फर्म ने बताया कि स्मार्टफोन में ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जो यूजर्स की बात सुनता है. इस फर्म के क्लाइंट Google और Facebook हैं, और इस फर्म ने माना है कि वे फोन के माइक्रोफोन का इस्तेमाल जानकारी जुटाने के लिए करते हैं. यानी अगर आप अपने पत्नी से नया एयर कंडीशनर की बात करते हैं तो फोन सुनकर आपको एसी के विज्ञापन दिखाने लगता है. हम सोच लेते हैं कि इस लेकर कभी गूगल किया होगा. लेकिन ऐसा नहीं है, 404 मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ आप जो सर्च करते हैं ही नहीं, बल्कि फोन के पास जो आप बोलते हैं, उससे भी आपको विज्ञापन दिखते हैं.

क्या है यह सॉफ्टवेयर?

एक रिपोर्ट के अनुसार, कॉक्स मीडिया ग्रुप, जो टेलीविजन और रेडियो समाचार में बड़ा नाम है, उसने निवेशकों को बताया कि उनकी एक तकनीक है जो एआई का इस्तेमाल करके यूजर्स के इरादे पता करती है. यह तकनीक यूजर्स की बातचीत को सुनकर और उसका विश्लेषण करके रियल-टाइम डेटा इकट्ठा करती है. कंपनी ने यह भी बताया कि इस तकनीक से एडवेटाइजर्स यूजर्स के व्यवहार का डेटा और उनकी बातचीत का डेटा साथ में इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे एडवेटाइजर्स उन यूजर्स को टारगेट कर सकते हैं जो कुछ खरीदने के बारे में सोच रहे हैं. यह टारगेट विज्ञापन के लिए एक बहुत ही शक्तिशाली उपकरण है.

रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने यह भी बताया कि इस तकनीक से यूजर्स के "कन्वर्शन और ऑनलाइन व्यवहार" का डेटा इकट्ठा किया जा सकता है. यह भी बताया कि एआई से चलने वाला सॉफ्टवेयर 470 से ज्यादा जगहों से "व्यवहार और आवाज का डेटा" इकट्ठा और विश्लेषण करता है.

मेटा और अमेजन ने उठाए सख्त कदम

हाल ही में लीक हुई जानकारी से बहुत सारे सवाल उठ रहे हैं. क्योंकि मेटा और अमेज़न इस मार्केटिंग फर्म से जुड़े हैं, इसलिए दोनों ने इस मामले को अपने हाथ में ले लिया है. लीक हुई जानकारी से पता चला है कि इस एजेंसी ने यूजर्स का डेटा बिना उनकी जानकारी के इकट्ठा किया और इस्तेमाल किया हो सकता है। इस वजह से मेटा इस एजेंसी के नियमों और शर्तों की जांच कर रही है.

दूसरी तरफ, अमेजन ने कहा कि इस मार्केटिंग एजेंसी के डेटा गोपनीयता वाले मामले में उनका कोई हाथ नहीं है और वे इस एजेंसी के साथ काम नहीं करेंगे. उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि अगर उन्हें पता चला कि उनके किसी पार्टनर ने उनके नियमों का उल्लंघन किया है, तो वे तुरंत कानूनी कार्रवाई करेंगे, इससे साफ है कि अमेजन यूजर्स के डेटा को सुरक्षित रखना चाहता है और अपने नियमों का पालन करना चाहता है.

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