Hindi News >>टेक
Advertisement

एंड्रॉयड यूजर्स सावधान! फोन में चुपके से घुस जाता है ये मालवेयर, सिक्योरिटी फीचर्स को ऐसे देता है चकमा

Malware: स्नोब्लाइंड नाम का एक नया मालवेयर सामने आया है जो आपकी सुरक्षा को चकमा देने के लिए शातिर तरीका अपनाता है. असल में आम तौर पर जो चीज फोन को बचाती है, वही इसकी ताकत बन जाती है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं. 

एंड्रॉयड यूजर्स सावधान! फोन में चुपके से घुस जाता है ये मालवेयर, सिक्योरिटी फीचर्स को ऐसे देता है चकमा
Stop
Raman Kumar|Updated: Jun 30, 2024, 05:42 PM IST

Android Security: एंड्रॉयड यूजर्स को सावधान रहने की जरूरत हैं. स्नोब्लाइंड नाम का एक नया मालवेयर सामने आया है जो आपकी सुरक्षा को चकमा देने के लिए शातिर तरीका अपनाता है. असल में ये एक सुरक्षा जांच "seccomp" का दुरुपयोग करता है. यह जांच ऐप्स को सुरक्षित रखती है, लेकिन स्नोब्लाइंड इसे अपनी धोखाधड़ी छिपाने के लिए इस्तेमाल करता है. यह असल में उन ऐप्स में खुद को छिपा लेता है जिन्हें हमें सुरक्षित मानना चाहिए. 

यह असल में ऐप्स को दोबारा पैक करता है, जिससे उन्हें ये एहसास नहीं होता कि स्नोब्लाइंड उनके साथ जुड़ा हुआ है. फिर ये आपके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सुविधा ऐप्स (Accessibility services) का गलत फायदा उठाता है. ये असल में आपकी मदद के लिए होती हैं, लेकिन इस मामले में ये आपकी लॉगिन जानकारी चुराने या दूर से आपके डिवाइस को कंट्रोल करने के लिए इस्तेमाल होती हैं.

सुरक्षा जांच को दता है चकमा

स्नोब्लाइंड असल में उन ऐप्स को नकली बना देता है जिनमें आपकी जरूरी जानकारी रहती है. आम तौर पर जो चीज फोन को बचाती है, वही इसकी ताकत बन जाती है. फोन में एक सुरक्षा जांच होती है जिसे "सेककॉम्प" कहते हैं. यह जांच करती है कि कोई ऐप छेड़छाड़ तो नहीं कर रहा है. 

लेकिन स्नोब्लाइंड इतना तेज होता है कि इस जांच से पहले ही ऐप की सिक्योरिटी को तोड़ देता है. फिर क्या? यह सेककॉम्प को ही धोखा दे देता है. मान लीजिए, ऐप खुद को जांचना चाहती है कि उसके साथ छेड़-छाड़ तो नहीं की गई है. स्नोब्लाइंड जांच के बीच में कूद पड़ता है और ऐप को यह पता लगाने ही नहीं देता कि उसके साथ गड़बड़ की गई है. इतना ही नहीं, स्नोब्लाइंड ऐप को आपकी जानकारी तक पहुंचने से भी रोक सकता है. वह ऐप को किसी दूसरी, साफ सुथरी ऐप की नकली दुनिया में ले जाता है, जिससे असली ऐप को पता ही नहीं चलता कि उसके साथ क्या हो रहा है. 

ये क्यों खतरनाक है? 

स्नोब्लाइंड बहुत खतरनाक है क्योंकि यह हमारी सुरक्षा के लिए बने फीचर का ही इस्तेमाल हमारे खिलाफ कर लेता है. ऊपर से यह फोन की रफ्तार को भी स्लो नहीं करता, जो इस बात का संकेत होता है कि फोन में कोई मालवेयर छिपा हो. इससे लोगों को शक भी नहीं होता. इसलिए अपने फोन को सुरक्षित रखने के लिए हमेशा भरोसेमंद सुरक्षा ऐप इस्तेमाल करना चाहिए और थोड़ा सतर्क रहना भी जरूरी है. साथ ही ऐप्स को हमेशा गूगल प्ले स्टोर से ही डाउनलोड करें. 

{}{}