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हिसार उपचुनाव में कांग्रेस की मश्किलें बढ़ी

हिसार लोकसभा चुनाव में लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर कांगेस पार्टी को हराने के लिए अन्ना हजारे के अभियान के चलते यह चुनाव कांटे का हो गया है.

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Updated: Oct 09, 2011, 12:57 PM IST

 हिसारः  हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट के लिए हो रहा उपचुनाव हालांकि कांग्रेस के लिए कोई खास महत्व नहीं रखता था लेकिन लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर पार्टी को हराने के लिए अन्ना हजारे के अभियान के चलते यह चुनाव कांटे का हो गया है.

 

हिसार लोकसभा सीट के लिए तिहरे चुनावी दंगल में तीन दिग्गज नेताओं के उतरने से यह चुनाव बेहद संघषर्पूर्ण हो गया है लेकिन सत्ताधारी कांग्रेस की परेशानियां कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी हैं क्योंकि उसे न केवल अपने प्रतिद्वंद्वियों का मुकाबला करना है बल्कि उसे अपने खिलाफ चलाये जा रहे टीम हजारे के अभियान के हमलों का भी सामना करना पड़ रहा है.

 

कांग्रेस ने हिसार से तीन बार चुनाव जीत चुके जय प्रकाश (58) को मैदान में उतारा है. उन्हें हरियाणा जनहित कांग्रेस के कुलदीप बिश्नोई (42) और मुख्य विपक्षी इनेलो के नेता अजय सिंह चौटाला (50) से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है.कुल मिलाकर 13 अक्तूबर को हो रहे उपचुनाव में 40 उम्मीदवार खड़े हैं और वहां 7. 29 लाख पुरूषों सहित कुल 13. 32 लाख मतदाता हैं.

 

हरियाणा जनहित कांग्रेस के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल की जून में मृत्यु के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है. 2009 के लोकसभा चुनावों में उन्हें 2. 48 लाख मत मिले थे जबकि संपत सिंह (अब कांग्रेस नेता) 2. 41 लाख मतों के साथ दूसरे और कांग्रेस के जय प्रकाश 2. 04 लाख मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. सिरसा जिले के डबवाली से विधायक अजय इनेलो प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के पुत्र हैं जबकि बिश्नोई को उम्मीद है कि वे अपने पिता दिवंगत भजन लाल की स्वच्छ छवि का लाभ ले सकेंगे.

 

एचजेसी के प्रमुख बिश्नोई ने हाल में भाजपा के साथ गठबंधन किया है और उनके प्रचार अभियान में गठबंधन दल के नेता भाग ले रहे हैं.सत्ताधारी दल के लिए हालांकि आमतौर पर उपचुनाव चिंता का विषय नहीं रहे हैं लेकिन इस बार समीकरण बदले हुए हैं और मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा इस बात को अच्छी तरह जानते हैं और अपने पार्टी उम्मीदवार के साथ पिछले एक पखवाड़े से प्रचार अभियान में शामिल हैं.

 

जहां विपक्ष भ्रष्टाचार और संप्रग को मुश्किल में डालने वाले तमाम घोटालों को लेकर कांग्रेस पर तीखे हमले कर रहा है, वहीं इस बार पार्टी का संकट अन्ना कारक के चलते और बढ़ गया है. टीम अन्ना के सदस्य हजारे की सीडी बांटते हुए संसदीय क्षेत्र में घूम रहे हैं और सार्वजनिक सभाएं कर मतदाताओं से कांग्रेस को मत नहीं देने की अपील कर रहे हैं क्योंकि पार्टी संसद में जन लोकपाल विधेयक लाने में असफल रही. (एजेंसी)

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