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Sachin Tendulkar: पलक झपकते हैं और... संन्यास लेने के 10 साल बाद सचिन तेंदुलकर ने जताई इस बात पर चिंता

Sachin Tendulkar: सचिन तेंदुलकर की गिनती देश ही नहीं, दुनिया के महानतम बल्लेबाजों में होती है. उन्होंने साल 2013 में सभी तरह के फॉर्मेट को अलविदा कह दिया था. अब संन्यास के 10 साल बाद उन्होंने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि वनडे क्रिकेट में काफी हद तक बल्लेबाजों का दबदबा रहता है.

Sachin Tendulkar: पलक झपकते हैं और... संन्यास लेने के 10 साल बाद सचिन तेंदुलकर ने जताई इस बात पर चिंता
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Tarun Vats|Updated: Apr 21, 2023, 08:18 PM IST

Sachin Tendulkar Statement : महानतम बल्लेबाजों में शुमार सचिन तेंदुलकर ने संन्यास लेने के करीब 10 साल बाद एक बात को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि वनडे क्रिकेट में काफी हद तक बल्लेबाजों का दबदबा है. सचिन ने साथ ही इसे बेहतर करने के सुझाव भी दिए. मास्टर-ब्लास्टर से मशहूर सचिन आगामी सोमवार को 50 साल के हो जाएंगे.

सचिन तेंदुलकर ने दिया बड़ा बयान

'गॉड ऑफ क्रिकेट' सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि वनडे क्रिकेट में काफी हद तक बल्लेबाजों का दबदबा रहता है. उन्होंने कहा कि इसको सही तरीके से जारी रखने के लिए बल्ले और गेंद के बीच के असंतुलन पर गौर किया जाना चाहिए. इस पूर्व दिग्गज ने माना कि टी20 फॉर्मेट की शुरुआत के बाद खेल की गति काफी तेज हुई है और अब समय आ गया है कि वनडे क्रिकेट में संतुलन बनाने पर ध्यान दिया जाए.

बर्थडे से पहले बोले सचिन

सचिन तेंदुलकर ने अपने 50वें जन्मदिन से पहले पत्रकारों के एक चुनिंदा समूह से कहा, ‘आप पलक झपकाते हैं और मैच खत्म हो जाता है लेकिन कहीं न कहीं मुझे लगता है कि वनडे फॉर्मेट पर ध्यान देने की जरूरत है. मुझे लगता है कि बल्ले और गेंद के बीच असंतुलन है. यह इस समय बल्लेबाजों के पक्ष में बहुत अधिक झुका हुआ है.’ उन्होंने गेंदबाजों को कुछ फायदा देने की वकालत करते हुए कहा, ‘वनडे में 2 नई गेंद से पारी शुरू होने के कारण 25 ओवर के मैच के बाद गेंद 12 या 13 ओवर पुरानी होती है जिससे गेंदबाज रिवर्स स्विंग नहीं करा पता है. इससे गेंद ना तो नरम होती है ना ही उसका रंग फीका पड़ता है.’

गेंदबाजों के पक्ष में भी बोले सचिन

उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि इन चीजों से गेंदबाजी टीम दबाव में होती है. गेंद का रंग और चमक उड़ने की चुनौती पहले भी थी और तब बल्लेबाज शिकायत करते थे. यह थोड़ा गेंदबाजों के पक्ष में था. गेंदबाजों को भी कुछ फायदा मिलना चाहिए लेकिन मुझे लगता है कि अभी खेल से वह तत्व गायब है. इसके साथ ही 30 गज के दायरे में में पांच फील्डर होने के कारण स्पिन गेंदबाज अपनी लाइन में ज्यादा बदलाव करने का जोखिम नहीं ले सकते है.' सचिन ने वनडे क्रिकेट को 25-25 ओवर की 4 पारियों में बांटने के पहले दिए गए सुझावों को याद करते हुए कहा कि इससे दोनों टीमों को समान परिस्थितियों में बराबर मौके मिलेंगे जो इस समय टॉस के कारण एक पक्ष की ओर झुक जाता है. (PTI से इनपुट)

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