Robin Minz Father: भारत के आदिवासी क्षेत्र से आने वाले रॉबिन मिंज को आईपीएल 2024 में गुजरात टाइटंस ने अपने स्क्वॉड से जोड़ा. उन्हें 3.60 करोड़ रुपये में गुजरात ने टीम में शामिल किया. उनके पिता फ्रांसिस जेवियर मिंज रांची एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं. इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेल रही टीम इंडिया जब रांची एयरपोर्ट से बाहर निकली तो रॉबिन मिंज के पिता ने उम्मीद जताते हुए कहा कि एक दिन उनका बेटा रॉबिन भी टीम का हिस्सा होगा.
भारतीय क्रिकेटर को देखा तो...
दरअसल, रांची एयरपोर्ट पर ही रॉबिन मिंज के पिता सिक्योरटी गार्ड हैं. वह रांची के बिरसा मुंडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अराइवल हॉल के एग्जिट पर रहते हैं. उन्होंने रांची में होने वाले टेस्ट मैच के लिए टीम इंडिया के प्लेयर्स को बाहर आते देखा. मीडिया से बात करते हुए रॉबिन के पिता ने कहा, 'मैं हर किसी को एयरपोर्ट से बाहर आते हुए देखता हूं, लेकिन शायद ही किसी ने मेरी ओर ध्यान दिया हो. ऐसा क्यों हुआ? मैं यहां सिर्फ एक सिक्योरटी गार्ड हूं, कई लोगों की तरह.'
आदिवासी क्षेत्र से आते हैं रॉबिन
रॉबिन मिंज का परिवार तेलगांव गांव से है, जो झारखंड में गुमला जिले के आदिवासी क्षेत्र के अंतर्गत आता है. रॉबिन के पिता फ्रांसिस मिंज एथलेटिक्स में थे और खेल की बदौलत उन्हें भारतीय सेना में नौकरी मिल गई. जब वह सेना में थे तो परिवार रांची चला गया, जहां फ्रांसिस के बेटे रॉबिन को क्रिकेट खेलना का जूनून सवार हो गया. बड़े होने के दौरान रॉबिन ने एमएस धोनी को अपना आदर्श माना. वह रांची और देश के सभी बच्चों की तरह रॉबिन भी अगला धोनी बनना चाहते हैं.
रास्ता अभी भी लंबा है...
अपने बेटे को एक बड़ा आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट मिलने के बावजूद फ्रांसिस ने कहा कि भारत को बुलाने की बात है तो अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है. बता दें कि रॉबिन आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने वाले पहले आदिवासी क्रिकेटर हैं. उन्होंने कहा, 'अभी शुरुआत ही की है. दुनिया ने उनका नाम लगभग दर्ज ही कर लिया है. रास्ता अभी भी लंबा है.' अपनी नौकरी पर बोलते हुए फ्रांसिस ने कहा, 'यह मेरा काम है. कन्फर्म करना कि एयरपोर्ट से बाहर निकला कोई भी व्यक्ति बिना आईडी के दोबारा अंदर न जाए. आपको नहीं पता कि किसके हाथ में बंदूक है. एक चूक और मेरी नौकरी चली जाएगी.'
मैं करता रहूंगा नौकरी...
रॉबिन के पिता ने यह भी कहा, 'क्योंकि मेरा बेटा आईपीएल क्रिकेटर है इसलिए मैं ढिलाई नहीं बरत सकता. बेशक, परिवार में आर्थिक स्थिति ठीक हुई है, लेकिन आपको नहीं पता जीवन कैसा होगा. मेरे बहुत से कलीग्स मुझसे पूछते हैं कि मुझे अब और काम करने की आवश्यकता क्यों है, लेकिन मैं उनसे कहता हूं कि जब तक मेरा काम करने का मन है और मैं स्वस्थ हूं, मैं काम करता रहूंगा. अगर मैंने अपने लिए कुछ नहीं कमाया तो मुझे नींद नहीं आती.'