Plant That Can Survive On Mars: 2015 में आई फिल्म The Martian तो आपने देखी ही होगी. कैसे एक एस्ट्रोनॉट मंगल पर फंस जाने के बाद बायोवेस्ट से आलू उगाता है. फिल्मी दुनिया से परे असल जीवन में, मंगल पर इंसान का बसना बेहद मुश्किल है. लेकिन रेगिस्तान में पाया जाने वाला एक पौधा मंगल पर जीवन बसाने की अहम कड़ी साबित हो सकता है. चीनी रिसर्चर्स के मुताबिक, यह रेगिस्तानी काई मंगल की दुर्गम स्थितियों में भी जीवित रह सकती है.
Syntrichia caninervis नाम की काई अंटार्कटिका और मोजावे रेगिस्तान जैसे क्षेत्रों में पाई जाती है. यह काई मंगल ग्रह जैसी परिस्थितियों को झेलने में सक्षम है, जिनमें सूखा, हाई लेवल रेडिएशन और अत्यधिक ठंड शामिल है. टीम के मुताबिक, यह ऐसे वातावरण में पूरे पौधों के अस्तित्व की संभावना तलाशने वाली पहली रिसर्च है. उन्होंने कहा कि उनकी रिसर्च ग्रीनहाउस के बजाय ग्रह की सतह पर पौधों को उगाने की संभावना पर भी ध्यान केंद्रित करती है.
'भयानक स्थितियों में भी जिंदा रहती है काई'
चीनी रिसर्चर्स की खोज के नतीजे The Innovation जर्नल में छपे हैं. उन्होंने बताया कि रेगिस्तानी काई न सिर्फ जीवित रही बल्कि लगभग टोटल डिहाइड्रेशन से भी तेजी से उबर गई. यह -80 डिग्री सेल्सियस पर पांच साल और -196 डिग्री सेल्सियस पर 30 दिन तक रहने के बाद नॉर्मल ग्रोथ की स्थितियों में रीजेनेरेट होने में भी सक्षम थी. गामा किरणों के संपर्क में आने के बाद, लगभग 500Gy की खुराक ने काई में नई वृद्धि को भी बढ़ावा दिया.
सिर्फ ₹200 में आप बन सकते हैं एस्ट्रोनॉट! मुफ्त अंतरिक्ष यात्रा के लिए भरें यह फॉर्म
'इंसान के जीवित रहने के लिए जरूरी हैं पौधे'
यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा में काई के विशेषज्ञ प्रोफेसर स्टुअर्ट मैकडैनियल ने कहा कि यह विचार कारगर साबित हो सकता है. मैकडैनियल इस स्टडी में शामिल नहीं थे लेकिन उन्होंने कहा, 'पौधों की खेती किसी भी लंबे स्पेस मिशन का अहम हिस्सा है क्योंकि पौधे कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को ऑक्सीजन और कार्बोहाइड्रेट में कुशलतापूर्वक बदल देते हैं. यह एक तरह से हवा और भोजन है जो मनुष्यों को जीवित रहने के लिए आवश्यक है. रेगिस्तानी काई खाने लायक नहीं है, लेकिन यह अंतरिक्ष में अन्य महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान कर सकती है.
द गार्जियन की रिपोर्ट में, SETI इंस्टीट्यूट की डॉ. अगाता जुपांस्का भी इस विचार से सहमत नजर आईं. उन्होंने कहा कि यह काई मंगल की सतह पर पाए जाने वाले चट्टानी पदार्थ को समृद्ध और रूपांतरित करने में मदद कर सकती है, जिससे अन्य पौधे उग सकें.