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Moon Double Crater: चांद पर भी चालबाजी से बाज नहीं आया चीन, डबल क्रेटर बनने पर इस तरह हुआ संदेह

धरती के उपग्रह चांद को समझने के लिए दुनिया के दिग्गज देश जुटे हुए हैं. इन सबके बीच चांद की सतह पर दो क्रेटर देखे गए तो वैज्ञानिकों को हैरानी हुई कि आखिर इसके पीछे वजह क्या है. एरिजोना विश्वविद्यालय की एक टीम का मानना है कि चीन का रॉकेट इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है.

Moon Double Crater: चांद पर भी चालबाजी से बाज नहीं आया चीन, डबल क्रेटर बनने पर इस तरह हुआ संदेह
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Lalit Rai|Updated: Nov 22, 2023, 01:20 PM IST

Moon Double Crater Reason:  हाल ही में एक खबर आई कि चांद की सतह पर दो क्रेटर दिखाई दे रहे हैं. क्या वे क्रेटर प्राकृतिक तौर पर चांद की  सतह पर पहले से मौजूद थे. या कोई मानवीय दखल की वजह से क्रेटर बने. इस संबंध में अमेरिका ने खुलासा कर दिया है. यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना की टीम ने इसके लिए चीन को जिम्मेदार बताया है. शोधकर्ताओं के मुताबिक चीन का एक रॉकेट 4 मार्च 2022 को चांद की सतह से जा टकराया था और उसकी वजह से दो क्रेटर बन गए.एरिजोना विश्वविद्यालय के एयरोस्पेस इंजीनियर टान्नर कैंपबेल के मुताबिक जहां तक डबल क्रेटर का सवाल है. चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (CNSA) द्वारा अघोषित रॉकेट पर एक अतिरिक्त पेलोड  इसके लिए जिम्मेदार है.

संदेह के घेरे में चीन

शोधकर्ताओं का कहना है कि क्रेटर, चंद्रमा के उस हिस्से में है जो पृथ्वी से कभी भी सीधे दिखाई नहीं देता है.यह पहली बार है जब हमने दोहरा क्रेटर देखा है. लगभग एक ही आकार के उन दो गड्ढों के लिए दो लगभग समान द्रव्यमान की आवश्यकता होती है जो एक दूसरे से अलग हों. मार्च 2015 में कैटालिना स्काई सर्वे में इसकी खोज से लेकर पिछले साल चंद्र सतह के साथ इसकी अंतिम मुलाकात तक, खगोलविदों ने इस वस्तु को ट्रैक किया था, जिसे WE0913A नाम दिया गया था. शुरुआत में इसे स्पेस एक्स बूस्टर माना गया था. लेकिन जल्द ही चीन के 2014 मिशन पर संदेह हो गया.

शोधकर्ता भी हुए हैरान
टीम ने अज्ञात वस्तु की गति और प्रभाव से ठीक पहले उसके परावर्तित प्रकाश में परिवर्तन का विश्लेषण किया ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह वास्तव में क्या था. सीएसएनए यह नहीं बता रहा है कि अतिरिक्त पेलोड क्या था और इस बात से इनकार कर रहा है कि यह उनका रॉकेट है. कैंपबेल कहते हैं कि जाहिर तौर पर हमें नहीं पता कि यह क्या हो सकता है. शायद कुछ अतिरिक्त निर्माण या अतिरिक्त उपकरण या कुछ और. हम शायद कभी नहीं जान पाएंगे. अंतरिक्ष यान द्वारा अपने रॉकेटों को अंतरिक्ष के वैक्यूम में छोड़ने या इन रॉकेटों के चंद्रमा में दुर्घटनाग्रस्त होने में कुछ भी असामान्य नहीं है, लेकिन यह हमें आगाह कर रही है कि अंतरिक्ष कबाड़ एक बढ़ती हुई समस्या बनती जा रही है.

इसकी वजह से उपग्रहों और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को गंभीर क्षति होने की संभावना है और जबकि पृथ्वी तक पहुंचने का मौका मिलने से पहले बहुत सारा मलबा वायुमंडल में जल जाता है, वस्तुएं वहां से निकल जाती हैं.शोधकर्ताओं का कहना है कि अंतरिक्ष में जाने वाली किसी भी चीज़ पर सावधानी के साथ नजर रखने की आवश्यकता है. एरिजोना विश्वविद्यालय के मैकेनिकल इंजीनियर रॉबर्टो फुरफारो कहते हैं कि एक बार जब आप चंद्रमा पर अधिक से अधिक वस्तुएं रख रहे हैं, तो यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हम न केवल वस्तु को ट्रैक करें, बल्कि यह भी समझें कि वहां पहुंचने के बाद वे क्या करने जा रहे हैं.

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