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Mars Mission: मंगल मिशन का हिस्सा किसे नहीं बनना चाहिए, वैज्ञानिकों ने आखिरकार पता लगा लिया!

Science News: अमेरिका की जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने मंगल ग्रह पर बड़ा रिसर्च किया है. इस दौरान उन्होंने उन चीजों का पता लगाया है जिनकी गैरमौजूदगी होने पर कोई शख्स लाल ग्रह पर इंसानी बस्ती बसाने के प्रयासों के दौरान खुद को सुरक्षित नहीं रख सकता है.   

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Shwetank Ratnamber|Updated: Aug 26, 2023, 01:50 PM IST

Scientists found who should Not go to Mars: अभी धरती के अलावा किसी और ग्रह में जीवन संभव नहीं है. इस बात का पता होने के बावजूद वैज्ञानिक चांद समेत कई अन्य ग्रहों में जीवन की संभावनाएं तलाश रहे हैं. ऑक्सीजन, पानी, वातावरण का तापमान और क्या किसी अन्य ग्रह पर खेती संभव हैं ऐसे कई सवालों का जवाब मिलना अभी बाकी है. इस कड़ी में कभी मंगल ग्रह पर इंसानी बस्ती बसाने की कल्पना की गई थी. अब वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह को लेकर बड़ा अपडेट दिया है.

मंगल मिशन का हिस्सा किसे नहीं बनना चाहिए?

चांद धरती के करीब है. वहां कई दशक पहले इंसानों के कदम पड़ चुके हैं. चांद पर जीवन की संभावनाओं से इतर मंगल ग्रह की बात करें तो मंगल ग्रह पर जीवित रहने के लिए, जो वस्तुतः दुनिया से बाहर की स्थिति है यानी रेड प्लैनेट पर जीवित रहने की इच्छा करने वालों के लिए सचमुच में कुछ गंभीर कौशल और एक निश्चित प्रकार के व्यक्तित्व की आवश्यकता होगी. 

किसके जीवित रहने की संभावना सबसे कम?

अमेरिका के वर्जीनिया में स्थित जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने लंबे समय तक मंगल ग्रह पर एक मानव कॉलोनी से संबंधित कंप्यूटर सिमुलेशन चलाए हैं. इस रिसर्च टीम का कहना है कि उन्हें एक ऐसे व्यक्तित्व का प्रकार मिला है जिसके लाल ग्रह पर उपनिवेश स्थापित करने के प्रयासों के दौरान जीवित रहने की संभावना नहीं है. शोधकर्ताओं ने ये भी कहा कि इस कॉलोनी में रहने वाले लोगों की आदर्श संख्या 22 होगी.

'मेट्रो' द्वारा रिपोर्ट किए गए अध्ययन में कहा गया है, 'मंगल ग्रह पर मानव बस्ती स्थापित करना एक अविश्वसनीय रूप से जटिल इंजीनियरिंग समस्या है. मंगल ग्रह के पर्यावरण की दुर्गम प्रकृति के लिए किसी भी निवास स्थान को काफी हद तक आत्मनिर्भर होना आवश्यक है.'

करना होगा ये काम

रिसर्च के मुताबिक, 'कुछ बुनियादी खनिजों और पानी के अलावा यहां जीवित रहने के लिए कई चीजों की जरूरत होगी. यहां सांस लेने के लिए जरूरी ऑक्सीजन और पीने के पानी का इंतजाम करने के साथ फ्यूल के लिए हाइड्रोजन का इस्तेमाल करना सीखना होगा. तकनीक और इंजीनियरिंग चुनौतियों से परे, भविष्य के उपनिवेशवादियों को मनोवैज्ञानिक और मानव व्यवहार संबंधी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा.

 

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