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Abhimanyu on Chakravyuh: गर्भ में रहकर अभिमन्यु ने कैसे सीखा चक्रव्यूह तोड़ना, रिसर्च में सामने आ गया सच

How did Abhimanyu Learn Chakravyuh Piercing: महाभारत में अभिमन्यु ने चक्रव्यूह को भेद दिया था लेकिन वे उससे बाहर नहीं निकल पाए. आखिर उन्होंने गर्भ में रहते हुए यह विद्या कैसे सीख ली थी, इसका खुलासा अब हो गया है.

Abhimanyu on Chakravyuh: गर्भ में रहकर अभिमन्यु ने कैसे सीखा चक्रव्यूह तोड़ना, रिसर्च में सामने आ गया सच
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Devinder Kumar|Updated: Nov 24, 2023, 06:16 PM IST

Study by Researchers on Mother Womb: आपने महाभारत का वह वाकया तो सुना होगा, जिसमें अर्जुन जब अपनी पत्नी सुभद्रा को चक्रव्यूह भेदन का तरीका बता रहे थे तो उसे कोख में मौजूद अजन्मने बेटे अभिमन्यु ने भी सुन लिया था. हालांकि यह बात सुनते हुए सुभद्रा बीच में सो गई थीं, जिसके चलते अभिमन्यु चक्रव्यूह में घुसने का तरीका तो जान गए थे लेकिन उन्हें बाहर निकलने का रास्ता पता नहीं था. जिसके चलते दुर्योधन, कर्ण, पितामह भीष्म, द्रोण और जयद्रथ जैसे महारथियों ने धोखे से उसकी हत्या कर दी थी.

फ्रांस और इटली ने की जॉइंट स्टडी

सवाल ये है कि अभिमन्यु (Abhimanyu) ने कोख में रहते हुए आखिकार चक्रव्यूह में प्रवेश का तरीका कैसे जान लिया था. इसका जवाब अब इटली और फ्रांस रिसर्च की जॉइंट स्टडी में सामने आ गया है. इस स्टडी के मुताबिक जन्म से पहले के कुछ हफ्तों में कोख में पनप रहे भ्रूण अपनी मां की धमनियों के जरिए सक्रिय रूप से सुनते और सीखते हैं. रिसर्च के मुताबिक जो गर्भवती महिलाएं अपनी प्रेग्नेंसी में नियमित रूप से बातचीत में शामिल रहती हैं, उनके बच्चे भी भाषा कौशल में निपुण हो जाते हैं. 

रिसर्च में क्या आया सामने?

इटली और फ्रांस के वैज्ञानिकों की रिसर्च के मुताबिक, जो बच्चे जन्म से पहले अपने मां-बाप के जरिए बातों को सुनते हैं, वे पैदा होने के बाद किसी भी भाषा में जल्दी पारंगत हो जाते हैं. इससे स्पष्ट होता है कि कोख में रहते हुए भी वे बातों को सुनते और सीखते हैं. स्टडी में यह भी सामने आया कि एक से पांच दिन की उम्र के शिशुओं उन शब्दों पर जल्दी रिएक्शन देते हैं, जो उन्होंने गर्भ में रहते हुए सुने थे. 

गर्भावस्था में बातें सुनते हैं भ्रूण!

सहयोगी वेबसाइट WION के मुताबिक यह स्टडी रिपोर्ट Science Advances नाम के जर्नल में प्रकाशित हुआ था. रिसर्च में यह भी पता चला है कि गर्भावस्था में अपनी मातृभाषा सुनने से बच्चे बड़े होकर उसी भाषा में कोई भी काम सीखने में ज्यादा पारंगत हो जाते हैं. इससे साबित होता है कि कोख में भ्रूण बनने के बाद मां के तंत्रिका तंत्र के जरिए वे भी बाहर की बातों को सुन और समझ रहे होते हैं, जो उनके जन्म लेने के बाद उनके कार्यों में दिखता भी है. 

33 फ्रांसीसी बच्चों पर हुई स्टडी

स्टडी करने के लिए रिसर्चर ने 33 फ्रांसीसी नवजात शिशुओं को शामिल किया. उनकी माताएं मूल रूप से फ्रांसीसी भाषी थीं और गर्भावस्था के अंतिम तिमाही में फ्रेंच भाषा में ही बातचीत करती थीं. बच्चों के जन्म लेने के बाद उनके मस्तिष्क की गतिविधि मापने के लिए शिशुओं के सिर पर दस सेंसर वाले इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम (ईईजी) कैप लगाए गए. इसके रिजल्ट से पता चला कि जब बच्चे अपनी मूल भाषा सुनते हैं तो तो वे जल्दी रिएक्ट करते हैं. इसकी वजह गर्भावस्था के दौरान उनकी ओर से सुनी गई भाषा थी. 

महाभारत की कथा पर लगी मुहर

पश्चिमी देशों में हुई यह रिसर्च महाभारत की लोकप्रिय कहानियों और भारतीयों द्वारा लंबे समय से सुनी जा रही धारणा का वैज्ञानिक समर्थन करती है. महाभारत कथा के मुताबिक युद्ध के 13वें दिन अभिमन्यु (Abhimanyu) लड़ते हुए चक्रव्यूह में घुसे थे और उसे भेदने में कामयाब हो गए थे. हालांकि वे चक्रव्यूह से निकलना नहीं जानते थे, जिसके बाद कौरवों ने धोखे से उन्हें मार दिया था. 

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