trendingNow12400404
Hindi News >>विज्ञान
Advertisement

चांद की मिट्टी से पीने का पानी बना रहा चीन, क्या ड्रैगन ने कर ली है वहां बसने की तैयारी?

China Moon Base: अमेरिका की तरह चीन भी चांद पर एक बेस बनाना चाहता है. उसके हालिया मिशनों ने चांद की जो मिट्टी लाई गई, चीनी वैज्ञानिक उससे पीने का पानी बना रहे हैं.

चांद की मिट्टी से पीने का पानी बना रहा चीन, क्या ड्रैगन ने कर ली है वहां बसने की तैयारी?
Stop
Deepak Verma|Updated: Aug 26, 2024, 09:47 AM IST

Science News: दुनियाभर के वैज्ञानिक उन तरीकों को खोजने में लगे हैं जिससे चंद्रमा को इंसान के रहने लायक बनाया जा सके. इंसान वहां बस्ती बनाकर लंबे समय तक रह सके, यह अब तक सपना ही है. हालांकि, चीनी रिसर्चर्स इस दिशा में बाकी दुनिया से काफी आगे हैं. वे ऐसा सिस्टम बना रहे हैं जिससे चंद्रमा की मिट्टी से वहां पर पानी बनाया जाएगा. चीनी वैज्ञानिकों की एक टीम ने चंद्रमा की मिट्टी से पानी बनाने का तरीका विकसित किया है.

चांद की मिट्टी से कैसे बन रहा पानी?

इस टीम का नेतृत्व चीनी विज्ञान अकादमी (CAS) के निंग्बो इंस्टीट्यूट ऑफ मैटेरियल्स टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग (NIMTE) में प्रोफेसर वांग जुनकियांग कर रहे हैं. रिसर्चर्स ने एंडोजीनस हाइड्रोजन और लूनर रेगोलिथ के बीच एक अनोखी रासायनिक प्रतिक्रिया का उपयोग करके चंद्रमा की सतह पर बड़े पैमाने पर पानी के उत्पादन की रणनीति बनाई है. यह प्रतिक्रिया पीने के पानी को निकालने में मदद करेगी. प्रोफेसर वांग ने कहा, 'हमने अपनी स्टडी में चांग'ई-5 मिशन द्वारा लाए गए लूनर रेगोलिथ नमूनों का इस्तेमाल किया.

यह भी पढ़ें: सुनीता विलियम्स को 2025 तक अंतरिक्ष में ही रहना पड़ेगा, अगले 5-6 महीने क्या करेंगी?

कितना पानी बन सकता है?

प्रयोगों में यह देखा गया कि जब चंद्रमा के रेगोलिथ को खासतौर पर डिजाइन किए गए अवतल दर्पणों का उपयोग करके 1,200 K (केल्विन) से ऊपर गर्म किया जाता है, तो एक ग्राम पिघला हुआ लूनर रेगोलिथ बनता है, जो लगभग 51 से 76 मिलीग्राम पानी पैदा कर सकता है. इसके अनुसार, एक टन लूनर रेगोलिथ 50 किलोग्राम से अधिक पानी पैदा कर सकता है, जो पीने के पानी की सौ 500 मिलीलीटर की बोतलों के बराबर है.

मंगल ग्रह पर आखिर कब तक बस पाएगा इंसान? Elon Musk ने कर दी बड़ी भविष्यवाणी

रिसर्चर ने यह भी कहा कि लूनर इल्मेनाइट (FeTiO3) पानी निकालने के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज है. यह खनिज, लूनर रेगोलिथ में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. चंद्रमा की मिट्टी का उपयोग करके पानी उत्पन्न करने वाले वैज्ञानिक इसे विद्युत रासायनिक रूप से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विघटित कर सकते हैं. इससे चंद्रमा पर रहने वालों के लिए सांस लेने योग्य हवा और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत, दोनों मिल सकते हैं.

विज्ञान के क्षेत्र की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Latest Science News In Hindi और पाएं Breaking News in Hindi देश-दुनिया की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

Read More
{}{}