Hindi News >>विज्ञान
Advertisement

Chandrayaan 4 Mission: चंद्रयान-4 की लैंडिंग कहां होगी? शिव-शक्ति प्वाइंट से कितनी दूर? जानिए हर बात

Chandrayaan 4 Landing Site: चंद्रयान-4 मिशन पहले के मुकाबले काफी जटिल होगा. यह चंद्रमा की सतह पर कहां लैंड करेगा, उसकी जानकारी सामने आ गई है.

Chandrayaan 4 Mission: चंद्रयान-4 की लैंडिंग कहां होगी? शिव-शक्ति प्वाइंट से कितनी दूर? जानिए हर बात
Stop
Deepak Verma|Updated: May 13, 2024, 05:16 PM IST

Chandrayaan 4 Mission: चंद्रयान-3 की सफलता ने अंतरिक्ष में भारत की काबिलियत का लोहा मनवाया था. इसरो का चंद्रयान-3 स्पेसक्राफ्ट 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था. जहां लैंडर 'विक्रम' के कदम पड़े, उस जगह को 'शिव शक्ति प्वाइंट' नाम दिया गया. चंद्रयान-3 ने तो अपना काम कर दिया, अब बारी चंद्रयान-4 की है. चंद्रयान-4 मिशन का लक्ष्य चांद से चट्टानें और मिट्टी लेकर आना है. स्पेस एप्लीकेशंस सेंटर (SAC) के डायरेक्टर निलेश देसाई के मुताबिक, चंद्रयान-4 शिव शक्ति प्वाइंट के पास में ही लैंड करेगा. देसाई ने ISRO के भविष्य के प्लान पर एक प्रेजेंटेशन देते हुए इसका खुलासा किया. शिव शक्ति प्वाइंट चांद के दक्षिणी ध्रुवीय इलाके में है. हमेशा अंधेरे में डूबा रहने वाला यह इलाका वैज्ञानिकों की दिलचस्पी का केंद्र है. उन्हें लगता है कि यहां पर बर्फ के रूप में पानी हो सकता है. चंद्रयान-4 इसी एरिया में लैंड करते हुए सैंपल्स कलेक्ट करेगा.

चंद्रयान-4 मिशन: चंद्रमा की मिट्टी धरती पर लाएगा भारत

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देसाई ने बताया कि चंद्रयान-4 मिशन की ऑपरेशन लाइफ एक चंद्र दिन होगी. यानी यह भी चंद्रयान-3 की तरह धरती के 14 दिनों के बराबर काम करेगा. चंद्रमा की स्टडी करने के लिए चंद्रयान-4 के पास सिर्फ 14 दिन होंगे क्योंकि उसके बाद वहां की परिस्थितियां बेहद दुर्गम होने लगती हैं. तापमान में काफी ज्यादा उतार-चढ़ाव होता है. चंद्रयान-4 में कई लॉन्च और स्पेसक्राफ्ट मॉड्यूल शामिल रहेंगे. ISRO का प्लान दो अलग-अलग रॉकेट भेजने का है. मिशन के पेलोड्स भेजने के लिए LVM-3 के साथ-साथ PSLV का इस्तेमाल भी होगा.

धरती के पास आ रहा 'तबाही का देवता', आप भी कर पाएंगे दीदार, यह तारीख नोट कर लीजिए

चंद्रयान-4 मिशन का मेन टारगेट चंद्रमा से सैंपल्स कलेक्ट करके धरती पर लाना है. फिर इन सैंपल्स का साइंटिफिक एनालिसिस किया जाएगा. अगर भारत ऐसा करने में सफल रहता है तो दुनिया का चौथा देश बन जाएगा. अभी तक अमेरिका, रूस और चीन ही चंद्रमा से सैंपल वापस ला सके हैं.

{}{}