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आपका पसंदीदा केला तेजी से विलुप्त हो रहा है! वैज्ञानिकों ने शायद ढूंढ ली बचाने की एक तरकीब

Banana Extinction News: आप जो केले आज खाते हैं, वे उन केलों जैसे नहीं जो कुछ पीढ़ियों पहले तक उपलब्ध थे. सुपरमार्केट्स में मिलने वाले केलों की एक प्रमुख वैरायटी को खतरा पैदा हो गया है.

आपका पसंदीदा केला तेजी से विलुप्त हो रहा है! वैज्ञानिकों ने शायद ढूंढ ली बचाने की एक तरकीब
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Deepak Verma|Updated: Aug 20, 2024, 09:31 AM IST

Science News: दुनिया में केलेों की 1,000 से ज्यादा वैरायटी पाई जाती हैं. हालांकि, कैवेंडिश केला दुनिया में सबसे अधिक खाया जाने वाला केला है. केलों के ग्लोबल उत्पादन में कैवेंडिश केलों का हिस्सा लगभग 47% है. केले की इस वैरायटी पर अब एक ऐसी बीमारी से विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है, जो 1950s में ग्रोस मिशेल नामक वैरायटी को खत्म कर चुकी है. इस बीमारी को केले का फ्यूजेरियम विल्ट या FWB कहते हैं. 

केले पर फिर से मंडराया खतरा

ग्रोस मिशेल का FWB फ्यूजेरियम ऑक्सीस्पोरम रेस 1 के चलते हुआ था. यह एक फंगल पैथाजेन है जो केले को प्रभावित करता है. यह फंगल संक्रमण पौधे के वस्कुलर सिस्टम पर कब्जा करके, पानी और खनिज परिवहन को ब्लॉक कर देता है जिससे पौधा मर जाता है. जीवविज्ञानियों ने ग्रोस मिशेल की जगह फ्यूजेरियम प्रतिरोधी कैवेंडिश किस्म विकसित की. लेकिन पिछले कुछ दशकों में FWB के एक दूसरे स्ट्रेन जिसे ट्रोपिकल रेस 4 या TR4 कहते हैं, फिर से दुनियाभर में केलों के उत्पादन के लिए संकट बन रहा है.

मैसाचुसेट्स एमहर्स्ट यूनिवर्सिटी (UMass Amherst) के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने केलों को बचाने की तरकीब शायद ढूंढ ली है. उनकी रिसर्च में पता चला कि TR4 उस प्रजाति से विकसित नहीं हुआ है, जिसने 1950 के दशक में केले की फसलों को नष्ट कर दिया था. तथा इस नई प्रजाति की विषाक्तता कुछ सहायक जीनों के कारण प्रतीत होती है, जो नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन से जुड़े हैं. यह रिसर्च Nature Microbiology पत्रिका में छपी है.

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'केले की अलग-अलग वैरायटी उगाएं'

Fusarium oxysporum के नए रूप ने दुनियाभर में केलों की उपज को खतरे में डाला है. इससे यह समझ आया कि इस फंगल संक्रमण के हाल ही में फिर से उभरने का एक प्रमुख कारण अंतरराष्ट्रीय केला उद्योग पर केले के एक ही क्लोन का प्रभुत्व है.

UMass Amherst में बायोकेमिस्ट्री और मॉलिक्यूलर बायोलॉजी के प्रोफेसर ली-जुन मा ने कहा कि केले की विभिन्न किस्मों को उगाने से खेती को अधिक टिकाऊ बनाया जा सकता है. इससे एक ही फसल पर रोग का दबाव कम किया जा सकता है. रिसर्चर्स ने कहा कि कैवेंडिश केलों को सुरक्षित रखने का एक अन्य तरीका गैस विस्फोट के विषाक्त दबाव को कम करने के लिए प्रभावी नाइट्रिक ऑक्साइड स्कोवेंजर डिजाइन करना होगा.

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