trendingNow12228336
Hindi News >>धर्म
Advertisement

Hanuman Ji Katha: हनुमान जी ने क्यों अपना सीना चीर कर कराए थे प्रभु राम और सीता के दर्शन? पढ़ें रोचक कथा

Hanuman ji Pauranik Katha: भगवान राम के प्रति निस्वार्थ भक्ति का एक प्रसंग पौराणिक कथाओं में भी वर्णित है. क्या आप जानते हैं हनुमान जी ने अपना सीना चीर कर भगवान राम और सीता जी के दर्शन करवाए थे. आइए जानते हैं इसकी पौराणिक कथा.

Hanuman Ji Katha: हनुमान जी ने क्यों अपना सीना चीर कर कराए थे प्रभु राम और सीता के दर्शन? पढ़ें रोचक कथा
Stop
Gurutva Rajput|Updated: Apr 30, 2024, 10:53 AM IST

Hanuman ji ki Katha: हनुमान जी, जिन्हें बजरंग बली, महावीर, अंजनीपुत्र और केसरीनंदन के नाम से भी जाना जाता है. उनकी पूजा करने से जीवन के संकट कम हो जाते हैं और सुख-शांति रहती है. अगर आपके घर में या मन में नकारात्मकता आ रही है तो आपके लिए हनुमान जी की पूजा करना लाभदायक है. मंगलवार का दिन हनुमान जी की पूजा करना सबसे फायदेमंद माना जाता है. इस दिन आप हनुमान चालीसा, हनुमान आरती का पाठ कर बजरंगबली को प्रसन्न कर सकते हैं. 

हनुमान जी ने क्यों चीरा था अपना सीना?
हनुमान जी प्रभु राम के सबसे प्रिय भक्त थे, हमेशा राम जी की भक्ति में लीन रहते थे. भगवान राम के प्रति निस्वार्थ भक्ति का एक प्रसंग पौराणिक कथाओं में भी वर्णित है. क्या आप जानते हैं हनुमान जी ने अपना सीना चीर कर भगवान राम और सीता जी के दर्शन करवाए थे. आइए जानते हैं इसकी पौराणिक कथा.

...जब माता सीता के उपहार को तोड़ने लगे हनुमान जी
पौराणिक कथाओं के अनुसार दरबार में भगवान का राज्याभिषेक हुआ और उसके बाद सभी लोगों को उपहार दिए जा रहे थे. इसी कड़ी में माता सीता ने हनुमान जी को उपहार दिया. माता सीता ने हनुमान जी को रत्नों से बनी एक बेश कीमती माला दी, जिसे देखकर वो बहुत प्रसन्न हुए. हनुमान जी इस माला को लेकर थोड़ी दूर गए और अपने दांतों से उसके एक-एक रत्न को तोड़ने लगे. दरबार में मौजूद सभी लोगों ने हनुमान जी को देखा तो सब चौंक गए. 

लक्ष्मण जी को आया क्रोध
लक्ष्मण जी ने जब हनुमान जी को देखा तो उनके इस कार्य पर क्रोधित हुए. लक्ष्मण जी ने इसको प्रभु राम का अपमान समझा. इस बात को लक्ष्मण जी ने प्रभु राम को बताया और कहा कि माता सीता ने हनुमान को कीमती माला दी और उन्होंने माला को तोड़ दिया. भगवान राम लक्ष्मण जी का जवाब देते हुए कहते हैं कि हनुमान ने माला क्यों तोड़ कर फेंकी इसका कारण उन्हें ही पता होगा. इसके बाद हनुमान जी ने कहा कि हे भगवन, मेरे लिए हर एक चीज व्यर्थ है जिसमें राम नाम न लिखा हो. मैंने माला ली और देखा कि उसके रत्नों पर राम नाम नहीं लिखा था. हनुमान जी आगे कहते हैं कि कोई भी चीज श्री राम के नाम के बिना अमूल्य हो ही नहीं सकती, मेरे हिसाब से उसे त्याग देना चाहिए. 

यह भी पढ़ें: 30 April 2024 Panchang: पढ़ें मंगलवार का पंचांग; जानें तिथि, मुहूर्त और राहुकाल

सीना चीरकर कराए प्रभु राम और सीता के दर्शन
हनुमान जी का जवाब देते हुए लक्ष्मण जी कहते हैं कि आपके शरीर पर भी तो राम नाम नहीं है तो शरीर को क्यों रखा, इस शरीर को भी त्याग दो. लक्ष्मण जी की बात सुनकर हनुमान जी ने अपना सीना चीर दिया और उसमें श्रीराम और माता सीता की सुंदर छवि दिखाई दे रही थी. ये देख कर सभ आश्चर्यचकित रह गए. इसके बाद लक्ष्मण जी को अपनी गलती का एहसास हुआ और हनुमान जी से क्षमा मांग ली.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Read More
{}{}