Pandit Ganeshwar Shastri Dravid: वाराणसी के ज्ञानवापी को मंदिर का दर्जा मिलने के बाद यहां पूजा-पाठ शुरू हो गई है. 31 साल बाद इस परिसर में मौजूद व्यास जी के तहखाने में बुधवार-गुरुवार की रात पूजा की गई. जिला कोर्ट द्वारा 7 दिन के अंदर पूजा करने के इंतजाम करने के निर्देश दिए जान के कुछ ही घंटों के अंदर यहां पूजा-अर्चना की गई. दीप जलाए गए. अगले दिन सुबह से ही लोगों की भीड़ बढ़ गई है और अब लोगों को इंतजार है कि उन्हें ज्ञानवापी मंदिर में पूजा करने का मौका मिला. ज्ञानवापी में 3 दशक के बाद जो पूजा हुई वो यहां के व्यास परिवार ने की. जो 1993 के पहले लंबे समय से इस तहखाने में पूजा कर रहा है और इसलिए तहखाने का नाम भी व्यास का तहखाना पड़ा. लेकिन इस ऐतिहासिक मौके पर पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ मौजूद रहे और उनकी देखरेख में ही ज्ञानवापी में पहली पूजा-आरती की गई.
कौन हैं गणेश्वर शास्त्री द्रविड़?
जगद्गुरु रामानंदाचार्य पुरस्कार से सम्मानित आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ जी प्रकांड विद्वान हैं. उनका परिवार मूल रूप से दक्षिण भारत से है लेकिन लंबे समय से परिवार काशी में रह रहा है. वर्तमान में द्रविड़ परिवार काशी के रामघाट इलाके में गंगा किनारे रहते हैं. गणेश्वर शास्त्री के साथ उनके भाई पंडित विश्वेश्वर शास्त्री भी रहते हैं. वह भी प्रकांड विद्वान हैं.
कहा जाता है कि गणेश्वर शास्त्री से बड़ा देश में कोई ऐसा ज्योतिषचार्य नहीं है जो ग्रह, नक्षत्र, चौघड़ियों को जानता हो. गणेश्वर शास्त्री को बड़े-बड़े मुहूर्तों के धर्मसंकट से निकालने का भी हुनर आता है. अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त गणेश्वर शास्त्री जी ने ही निकाला था. इससे पहले मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन का मुहूर्त भी पंडित गणेश्वर शास्त्री ने ही निकाला था. वे अपने यहां बच्चों को आचार्य बनने और कर्मकांड की पढ़ाई भी करवाते हैं.
नियमित पूजा की पद्धति भी तय की
जब ज्ञानवावी परिसर में पूजा करने की अनुमति मिली तो गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ की मौजूदगी में विधि विधान से व्यास जी के तहखाने में पूजा कराई गई. पूजा के बाद वहां मौजूद लोगों को चरणामृत और प्रसाद भी दिया गया. इस मौके पर मंदिर ट्रस्ट के पदेन अध्यक्ष के तौर पर बनारस के कमिश्नर कौशल राज शर्मा, मंदिर प्रशासन के पूर्व एवं वर्तमान सीईओ भी मौजूद रहे. मंदिर में नियमित पूजा-पाठ की पद्धति भी गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने ही तय की है.