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दिवाली पर लक्ष्‍मी पूजन में ना करें ये गलतियां, जान लें सही पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Diwali 2023: दीपावली कार्तिक मास की अमावस्‍या को मनाई जाती है. दिवाली की रात माता लक्ष्‍मी की पूजा विधि-विधान से करना पूरे साल धन-समृद्धि बनी रहती है. आइए जानते हैं दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि. 

दिवाली पर लक्ष्‍मी पूजन में ना करें ये गलतियां, जान लें सही पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
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Shraddha Jain|Updated: Nov 12, 2023, 07:50 AM IST

Diwali 2023 Shubh Muhurt: दिवाली आज 12 नवंबर 2023, रविवार को मनाई जा रही है. दिवाली की रात मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए साल का सबसे उत्‍तम दिन होता है. दिवाली की रात मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करने से सोया हुआ भाग्य भी जाग जाता है. इसलिए दीपावली की रात को महानिशा भी कहा जाता है. कहते हैं कि दिवाली की रात को महालक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करती हैं. लिहाजा दिवाली की रात लक्ष्मी जी से धन-संपन्नता का वरदान पाने के लिए सर्वोत्‍तम होता है. 

धन-विलासिता देते हैं मां लक्ष्‍मी और शुक्र ग्रह 

ज्‍योतिष के अनुसार धन, विलासिता, समृद्धि और ऐश्‍वर्य के कारक शुक्र ग्रह हैं. शुक्र ग्रह का संबंध धन-संपत्ति की देवी मां लक्ष्‍मी से है. लिहाजा दिवाली की रात मां लक्ष्‍मी की पूजा करने से कुंडली में शुक्र ग्रह भी मजबूत होता है और जातक को अमीर बना देता है. साथ ही मां लक्ष्‍मी की पूजा करने से धन और यश भी मिलता है. 

दिवाली पूजा मुहूर्त 

दीपावली कार्तिक अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. पंचांग के अनुसार इस बार कार्तिक अमावस्या 12 नवंबर की दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 13 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 57 मिनट तक रहेगी. इस साल दीपावली पर लक्ष्मी पूजा के दो शुभ मुहूर्त है. पहला शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में है. प्रदोष काल 12 नवंबर की शाम 05.28 बजे से रात 08:07 बजे तक रहेगा, जिसमें वृषभ काल (स्थिर लग्न) 05.39 बजे से 07.33 बजे तक रहेगा. इस अवधि में पूजा करना सर्वोत्तम होगा. इसके बाद दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का दूसरा शुभ मुहूर्त निशीथ काल में मिलेगा. निशीथ काल 12 नवंबर की रात 11.39 बजे से देर रात 12.32 बजे तक रहेगा.

दिवाली पूजा विधि 

दिवाली पर सबसे पहले प्रथमपूज्‍य गणपति की पूजा करें. इससे बुद्धि बढ़ती है, संतान को आयु मिलती है. ध्‍यान रहे कि लक्ष्‍मी पूजा के समय गुलाबी, लाल या सफेद रंग के वस्‍त्र पहनें. पूजा के लिए पूर्व दिशा या ईशान कोण में चौकी पर लाल या गुलाबी कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी की तस्‍वीर या मूर्ति स्‍थापित करें. घर में पूजा के लिए ऐसी तस्‍वीर या मूर्ति रखें जिसमें मां लक्ष्‍मी कमल फूल पर विराजित हों. वहीं व्‍यावसायिक प्रतिष्‍ठान पर खड़ी हुई मां लक्ष्‍मी की पूजा करना चाहिए. खुद भी पूजा के समय आसन पर बैठें. 

इसके बाद अपने चारों और जल छिड़ककर पूजा का संकल्‍प लें. एक मुखी घी का दीपक जलाएं. बाकी 20 दिए तेल के जलाएं. तांबे के लोटे पर नारियल रखें और चावल के ऊपर कलश स्‍थापित करें. कलश में रोली से स्‍वास्तिक बनाएं. फिर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को फूल और मिठाइयां अर्पित करें. पहले गणेश और फिर मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें. अंत में आरती करें और शंख ध्वनि करें. 

दिवाली के दिन ना करें ये गलतियां 

- दिवाली पर पूजा के समय काले, भूरे या नीले रंग के कपड़े ना पहनें. इससे मां लक्ष्‍मी नाराज हो जाती हैं. 

- दिवाली के दिन घर के अंदर के साथ-साथ बाहर भी अंधेरा ना रहने दें. रसोई में पीने के पानी के स्‍थान, घर के बाहर, घर के मंदिर में दीपक जरूर जलाएं. 

- दिवाली पर जुआ ना खेलें. ना ही तामसिक चीजों का सेवन करें. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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