Vrat Ka Mahatva: सनातन धर्म में व्रत रखने का विशेष महत्व है, देवी देवताओं को प्रसन्न कर उनसे इच्छित वर की कामना से तो व्रत रखे ही जाते हैं, साथ ही व्रतों को करने से तन और मन दोनों ही शुद्ध होते हैं, इनसे पापों से मुक्ति मिलती है जीवन सफलता की ओर आगे बढ़ता है. इसे ध्यान, ईश्वर की आराधना और मनुष्य की आंतरिक शक्तियों को जागरूक करने के लिए भी किया जाता है. व्रत के माध्यम से व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित करता है और अपनी आदतों और वासनाओं को परिसीमित करता है. यही कारण है कि जब कोई किसी तरह की परेशानियों से घिरता है तो धर्म एवं ज्योतिष शास्त्रियों के पास निवारण के उपाय में व्रत उपवास के बारे में भी पूछता है. हर व्रत का अलग अलग महत्व होता है. व्रत का पालन करने से आध्यात्मिक उन्नति होती है और व्यक्ति ईश्वर और अपने आप में गहरी समझ प्राप्त करता है.
सूर्य का व्रत
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है और इनका दिन रविवार है. इस व्रत के प्रभाव से सूर्य का अशुभ फल शुभ फल में बदल जाता है. व्रती में तेजस्विता बढ़ती है और शारीरिक रोग शांत होने के साथ ही आरोग्यता प्राप्त होती है. व्रती को व्रत के दिन लाल रंग का वस्त्र धारण करके किसी वैदिक सूर्य मंत्र का जप करना चाहिए. जप के बाद शुद्ध जल, लाल चंदन, अक्षत, लाल पुष्प और दूर्वा से सूर्य को अर्घ्य दें. भोजन में गेहूं की रोटी, दलिया, दूध, दही, घी और चीनी आदि खाना चाहिए, व्रत के दिन नमक का सेवन वर्जित है.
चंद्रमा का व्रत
चंद्रमा का दिन सोमवार है जिसे चंद्रवार भी कहा जाता है. चंद्रमा का व्रत करने से व्यापार में लाभ होता है. मानसिक कष्टों से शांति प्राप्त होती है तथा विशेष कार्य की सिद्धि के लिए यह व्रत लाभदायक होता है. चंद्रमा के व्रत के दिन सफेद कपड़ों को धारण करने के बाद चन्द्रमा मंत्र का जप करें. भोजन में बिना नमक के दही, दूध, चावल, चीनी और घी से बनी हुई चीजें ही खाएं.