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Vaishakh Amavasya 2024: सिद्धि योग, सौभाग्य और शोबन योग में वैशाख अमावस्या, जानें पितरों को तृप्त करने का समय

Vaishakh Amavasya Upay: सनातन धर्म में वैशाख अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार वैशाख अमावस्या पर 3 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जिस वजह से इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है. 

 
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shilpa jain|Updated: Apr 25, 2024, 10:14 AM IST

Vaishakh Amavasya Remedies: वैशाख माह की शुरुआत 24 अप्रैल बुधवार से हो चुकी है. और वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या इस बार 8 मई के दिन पड़ रही है. बता दें कि इस बार अमावस्या पर 3 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जिस वजह से इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है. इस दिन स्नान-दान का खास महत्व बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र में वैशाख अमावस्या पर पूर्वजों का स्मरण किया जाता है और उनकी आत्मा की शांति और तृप्ति के लिए पूजा आदि की जाती है. ताकि वे खुश होकर पितरों को आशीर्वाद दे सकें. जानें वैशाख अमावस्या तिथि और उपाय. 

वैशाख अमावस्या 2024 तिथि  

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल वैशाख अमावस्या तिथि का आरंभ 07 मई मंगलवार को 11 बजकर 40 मिनट पर शुरू होगा और तिथि का समापन 08 मई बुधवार को सुबह 08 बजकर 51 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार वैशाऱ अमावस्या 8 मई बुधवार के दिन मनाई जाएगी.  

बन रहे हैं ये 3 शुभ योग

हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार 8 मई वैशाख अमावस्या पर 3 शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि योग, सौभाग्य योग और शोभन योग का निर्माण हो रहा है. उस दिन सौभाग्य योग प्रातः काल से लेकर शाम 05 बजकर 41 मिनट तक रहने वाला है. उसके बाद शोभन योग प्रारंभ हो जाएगा, जो कि पूरी रात रहेगा.  

बता दें कि सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण दोपहर 01 बजकर 33 मिनट पर होगा, और अगले दिन 9 मई सुबह 5 बजकर  34 मिनट तक रहेगा.

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वैशाख अमावस्या स्नान-दान का समय

ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या तिथि पर स्नान-दान का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन स्नान-दान ब्रह्म मुहूर्त से प्रारंभ किया जाता है. बता दें वैशाख अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त 4 बजकर 10 मिनट से लेकर 4 बजकर  52 तक है. ब्रह्म मुहूर्त को स्नान के लिए सबसे उत्तम समय माना गया है. हिंदू पंचांग के अनुसार लाभ उन्नति मुहूर्त सुबह 05:35 से 07:15 तक और अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त 07:15 से 08:56 बजे तक है.

पितरों को खुश करने का समय 

वैशाख अमावस्या पर स्नान करने के बाद ही पितरों का स्मरण करें. इसके बाद जल, काले तिल और सफेद फूल, कुशा से तर्पण करें.वहीं, अगर आप पितृ दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं, या फिर वैशाख अमावस्या के दिन पिंडदान और श्राद्ध करना चाहते हैं, तो दिन में 11 बजे से लेकर 2 बजकर 30 बजे के बीच किया जा सकता है. 

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वैशाख अमावस्या का महत्व 

शास्त्रों के अनुसार वैशाख माह में जल का दान का विशेष महत्व बताया गया है. इन दिनों में जल दान करने से व्यक्ति को तीर्थ करने के समान पुण्य मिलता है. इस वजह से वैशाख अमावस्या के दिन लोगों को पानी पिलाएं, राहगीरों के लिए प्याऊ आदि की व्यवस्था करें. इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें और त्रिदेवों का आशीर्वाद प्राप्त करें.  

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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