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Skanda Sashti 2024: आज रखा जाएगा स्‍कंद षष्‍ठी व्रत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

Skanda Sashti 2024 May Hindi: स्‍कंद षष्‍ठी व्रत भगवान कार्तिकेय को समर्पित है. इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती के ज्‍येष्‍ठ पुत्र कार्तिकेय का जन्‍म हुआ था. जानिए स्‍कंद षष्‍ठी व्रत का पूजा मुहूर्त और विधि. 

Skanda Sashti 2024: आज रखा जाएगा स्‍कंद षष्‍ठी व्रत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
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Shraddha Jain|Updated: May 13, 2024, 07:19 AM IST

स्‍कंद षष्‍ठी: भगवान कार्तिकेय का जन्‍म शुक्‍ल पक्ष की षष्‍ठी तिथि के दिन हुआ था इसलिए यह तिथि कार्तिकेय जी को समर्पित है. इस दिन स्‍कंद षष्‍ठी व्रत रखा जाता है. हर महीने के शुक्‍ल पक्ष की षष्‍ठी तिथि को स्‍कंद षष्‍ठी मनाई जाती है. आज वैशाख महीने के शुक्‍ल पक्ष की षष्‍ठी तिथि है और इस दिन स्‍कंद षष्‍ठी व्रत रखा जाएगा. साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाएगी. मान्‍यता है कि यह व्रत रखने और सच्‍चे मन से कार्तिकेय देव की पूजा करने से जीवन में सफलताएं मिलती हैं. आइए मई महीने में पड़ रहे स्‍कंद षष्‍ठी व्रत का पूजा मुहूर्त और पूजा विधि. 

स्कंद षष्ठी 2024 पूजा का शुभ मुहूर्त 

पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि तिथि की शुरुआत 13 मई की तड़के सुबह 02 बजकर 03 मिनट से हो चुकी है और इसका समापन 14 मई को सुबह 02 बजकर 50 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार स्कंद षष्ठी 13 मई को मनाई जाएगी.

स्कंद षष्ठी पूजा विधि 

सुबह जल्दी स्‍नान करके साफ कपड़े पहनें. इसके बाद शिव परिवार का स्‍मरण करते हुए व्रत-पूजा का स्‍मरण करें. फिर पूजा स्‍थल या मंदिर की साफ-सफाई करें. गंगाजल छिड़ककर इसे पवित्र करें. फिर साफ चौकी लें और इस पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान स्कंद देव (भगवान कार्तिकेय) की प्रतिमा विराजमान करें. उनको तिलक लगाएं, अक्षत अर्पित करें. फूलमाला अर्पित करें. घी का दीपक जलाएं. फल, मिठाई, जल अर्पित करें. भगवान को भोग लगाने के बाद भगवान स्‍कंद के मंत्रों का जाप करें. आखिर में आरती करें और पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगें. सभी को प्रसाद बांटें और स्‍वयं भी प्रसाद ग्रहण करें.
 
भगवान स्कंद पूजा मंत्र

'ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात:।'
'देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव. कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥'
'ॐ शारवाना-भावाया नम: ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते।' 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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