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Shravan Month 2023: सावन और रक्षाबंधन से शिवजी का है गहरा नाता, जानें माह-त्योहार से कनेक्टिविटी

Shravan Month 2023 in Hindi: श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है. वैसे तो अन्य मान्यताएं भी हैं, लेकिन शिव के इस वचन के आधार पर बहनों को उनके भाई रक्षा का वचन देते हैं, जिसके पीछे शिव-तत्व ही है.

भगवान शिव
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Shilpa Rana|Updated: Jul 13, 2023, 02:09 PM IST

Shravan 2023 Hindu Calendar: अमृत पाने के लिए देवताओं और दैत्यों ने मिलकर समुद्र मंथन किया. उस मंथन से कई रत्न निकले जिसमें भयंकर विष भी था. देवताओं के आग्रह पर इस हलाहल यानी विष को पीकर शिवजी ने सभी जीवों की रक्षा की थी. रक्षाबंधन का पर्व श्रावण मास के अंतिम दिवस में मनाया जाता है. वास्तव में अंतिम दिवस करने की बजाय श्रावण की पूर्णिमा कहना चाहिए. पूर्णता अर्थात विराम, पूर्णिमा को मास का विराम होता है. पूर्णिमा का दिन यानी चंद्रमा बलवान है. उसकी किरणें और पक्ष बली है. यही बली चंद्रमा शिव के सिर पर विराजित हैं.  

पूर्णिमा की कल्पना करने पर आप पाएंगे कि शिवजी शीश पर विराजित चंद्रमा पूर्णिमा पर महादेव को अपनी शीतल ज्योति किरणों से स्नान करा रहे हैं. शिव के इस रूप को शशिशेखर भी कहा जाता है. चंद्रमा को सोम भी कहा जाता है और सोम का अर्थ अमृत होता है. सावन के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन शिव समस्त प्रकृति को रक्षा का वचन देते हैं. जैसा उन्होंने हलाहल को अपने कंठ में रोक कर किया था. रक्षा का वचन प्रकृति से हो या किसी व्यक्ति से हो, वचन से हो, संबंध से हो, राज्य से हो या फिर परिजनों से हो. यह रक्षा का तत्व ही शिव तत्व है.  

श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है. वैसे तो अन्य मान्यताएं भी हैं, लेकिन शिव के इस वचन के आधार पर बहनों को उनके भाई रक्षा का वचन देते हैं, जिसके पीछे शिव-तत्व ही है. जिस प्रकार आस्तिक, नास्तिक, शिव के निकट व दूर कोई भी जीव हो शिव अपनी दृष्टि उन पर सदैव रखते हैं और रक्षा करते हैं. ठीक उसी प्रकार विवाह के उपरांत बहन के ससुराल जाने पर या संकट एवं असहाय होने पर भाई रूपी शिव रक्षा का वचन निभाने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं.

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