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Shani Jayanti 2023: हनुमान जी ही नहीं बल्कि इनका नाम जपने से बाल भी बाका नहीं करते शनि, हर लेते हैं सभी कष्ट

Shani Jayanti Upay 2023: ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को हर साल शनि जयंती मनाई जाती है. इस बार शनि जयंती 19 मई के दिन मनाई जाएगी. इस दिन शनि मंदिर में विधिविधान के साथ शनि देव की पूजा की जाती है. जानें इस दिन किन कार्यों को करने सेशनि देव प्रसन्न होते हैं.

 

फाइल फोटो
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shilpa jain|Updated: May 16, 2023, 04:10 PM IST

Shani Jayanti Mantra: हिंदू धर्म में शनि देव को न्यायधीश और कर्म फलदाता के नाम से जाना जाता है. कहते हैं कि व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब शनि देव रखते हैं और उसी के मुताबिक उन्हें फल देते हैं. अगर किसी जातक की कुंडली में शनि कमजोर स्थिति में हैं, तो उसे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. वहीं, शनि के शुभ होने पर व्यक्ति की नैया पार लग जाती है.

कहते हैं कि शनि जयंती के दिन शनि देव की पूजा करने और कुछ ज्योतिष उपाय करने से वे जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की हर इच्छा पूरी करते हैं. ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को सूर्यदेव पुत्र शनिदेव को जन्म हुआ था. इस बार शनि जयंती 19 मई शुक्रवार के दिन पड़ रही है. इस दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं.

शनि देव को प्रसन्न करने के लिए करें ये काम

ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि शनि देव की कृपा पाने और शुभ फलों की प्राप्ति के लिए हनुमान जी के नाम का जाप करना लाभदायी होता है. उसी प्रकार शनि देव की पत्नियों के नाम मात्र से ही शनि देव भक्तों के सभी दुख दूर कर देते हैं. ऐसा माना जाता है कि शनिदेव का नाम लेने मात्र से ही व्यक्ति के सभी दुख टर जाते हैं. आइए जानते हैं शनि जयंती के दिन कैसे लें शनि देव की पत्नियों के नाम.

श्लोक से जानें शनि देव की पत्नियों के नाम

कुछ ग्रंथों में शनिदेव की 8 पत्नियों का वर्णन मिलता है.

ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया।
कंटकी कलही चाऽथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनेर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन‍् पुमान्।
दुःखानि नाशयेन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखम।।

अर्थ- ध्वजिनी, धामिनी, कंकाली, कलहप्रिया, कंटकी, तुरंगी, महिषी, अजा. मान्यता है कि शनिदेव की इन 8 पत्नियों का नाम लेने मात्र से ही व्यक्ति के दुखों का नाश होता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

जानें कब बोलें ये श्लोक

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी शनि मंदिर जाएं,तो पहले शनि देव की पूजा करें. उन्हें तेल अर्पित करें, नीले फूल चढ़ाएं और काली उड़द भी अर्पित करें. इसके बाद शनि देव की नजर से साइड हट जाएं. और इस श्लोक को बोलें. कहते हैं कि इस मंत्र का बोलने से शनि देव प्रसन्न हो जाते हैं. और भक्तों को हर तरह का सुख प्रदान करते हैं.  

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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