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Sawan Somwar: दिनों-दिन धन-संपत्ति में होगी बढ़ोतरी, सावन के तीसरे सोमवार को जलाभिषेक के बाद कर लें ऐसा

Sawan Third Somwar: 22 जुलाई से सावन माह की शुरुआत हो चुकी है. शिव भक्तों के लिए ये माह बेहद खास होता है. मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव की सृष्टि का संचालन करते हैं, ऐसे में इस माह में की गई पूजा से विशेष फलों की प्राप्ति होती है. 

 
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shilpa jain|Updated: Aug 05, 2024, 06:27 AM IST

Sawan Somwar Remedies: सनातन धर्म में सावन का महीना भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा को समर्पित है. इस माह में की गई भगवान शिव की पूजा विशेष फल प्रदान करती है. सावन के महीने में पड़ने वाले सोमवार का भी खास महत्व बताया गया है. बता दें कि सावन का तीसरा सोमवार बहुत शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा से भक्तों की मनोकामनाएं जल्द पूरी होती हैं. 

इतना ही नहीं, इस दिन पूरे श्रद्धा भाव से की गई पूजा से भगवान शिव पापों का नाश करते हैं और भक्तों को मोक्ष प्राप्ति का आशीर्वाद देते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सावन के तीसरे सोमवार की पूजा का शुभ मुहूर्त, जलाभिषेक की सही विधि और जलाभिषेक के बाद किए जाने वाले उपाय को अगर सही से किया जाए, तो व्यक्ति के जीवन में धन-संपत्ति से संबंधी परेशानियां दूर होती हैं.  

सावन के तीसरे सोमवार का पूजा का मुहूर्त 

हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह के तीसरे सोमवार का व्रत इस बार 5 जुलाई 2024 सोमवार के दिन रखा जा रहा है. बता दें कि इस दिन सावन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि भी है. ऐसा माना जाता है कि जो महिलाएं सावन सोमवार का व्रत रखती हैं और शमव पार्वती की पूजा कर ती हैं उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.  वहीं, सावन के सोमवार के व्रत करने से कुंवारी महिलाओं को अच्छे और मनचाहे वर की प्राप्ति होती है. 

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सावन सोमवार का शुभ मुहूर्त 2024

सावन सोमवार का पहला मुहूर्त: 04 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर 05 बजकर 03 मिनट पर होगा. 

दूसरा मुहूर्त: दोपहर 12 बजे से शुरू होकर 12 बजकर 54 मिनट पर है. 

तीसरा मुहूर्त: दोपहर 01 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर 03 बजकर 21 मिनट पर होगा. 

गोधूलि मुहूर्त: शाम 07 बजकर 09 मिनट से शुरू होकर 07 बजकर 30 मिनट पर होगा. 

भगवान शिव के जलाभिषेक की सही विधि 

सावन के तीसरे सोमवार के दिन भगवान शिव के मंदिर में जाएं और मां पार्वती संग भगवान शिव की पूजा अर्चना करें. इसके बाद शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, घी आदि से अभिषेक करें. साथ ही, महामृतयुंजय मंत्र का जाप करें. शिवलिंग पर सफेद चंदन लगाएं. साथ ही 3 या 5 बेलपत्र अर्पित करें. इसके बाद ऊं नमः शिवाय मंत्र का एक, तीन या पांच माला जाप करें. ऐसी मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से जहां एक और मन को शांति मिलती है. वहीं, भगवान शिव भी शीघ्र प्रसन्न होते हैं.   

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जलाभिषेक के बाद करें ये उपाय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शिव मंदिर में जलाभिषेक के बाद जल वाले लोटे को कभी भी खाली घर नहीं लाना चाहिए. लोटे शिवलिंग पर चढ़े हुए बेल पत्र, या कोई एक-दो फूल या फिर शिव जी पर चढ़ी हुई जल की कुछ बूंदे घर अवश्य लाएं. लेकिन कभी भी जलाभिषेक के लोटे को घर खाली नहीं लाएं.     

जलाभिषेक के बाद करें ये उपाय 

भगवान शिव का जलाभिषेक करने के बाद लोटे में शिवलिंग पर चढ़ा हुआ जल लें. हाथ की तीन उंगलियों से जल को स्पर्श करें और महादेव के त्रिशूल का अभिषेक करें. इसके बाद इस जल को घर ले आएं और घर की शुभ जगहों पर इसका छिड़काव करें. मान्यता है कि इससे घर में यश और धन बढ़ने में मदद मिलती है. ऐसी मान्यता है कि जो लोग सच्चे मन से ये उपाय करते हैं, उनकी धन-संपत्ति में दिनों-दिन बढ़ोतरी होती है.  साथ ही, जीवन की अनेक समस्याएं समाप्त हो जाती हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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