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संकष्‍टी चतुर्थी 2023: आज सकट चौथ पर रहेगा भद्रा का साया, ये काम करने की न करें गलती, पड़ेंगे भारी!

Sakat Chauth Vrat 2023: आज 10 जनवरी 2023 को सकट चौथ व्रत रखा जाएगा. माघ माह के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को तिलकुटा चौथ, तिल चतुर्थी और माघी चतुर्थी भी कहते हैं.

फाइल फोटो
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Shraddha Jain|Updated: Jan 10, 2023, 05:41 AM IST

Sakat Chauth Vrat Katha: जीवन में अपार सुख-शांति, समृद्धि और लंबी आयु पाने के लिए संकष्टी चतुर्थी व्रत रखना बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. वहीं माघ महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सकट चौथ कहा जाता है. इसके अलावा इसे तिल चतुर्थी भी कहा जाता है. इस साल यह व्रत आज 10 जनवरी 2023, मंगलवार को रखा जाएगा. इस दिन मिट्टी से गौरी-गणेश बनाकर उनकी पूजा की जाती है. इसके अलावा इस दिन चंद्रमा की पूजा करने और चंद्रमा को अर्घ्‍य देने का भी बड़ा महत्‍व है. ऐसा करने से भगवान गणेश की पूजा करने से सारे संकट दूर होते हैं. 

सकट चौथ पर भद्रा का साया 

हालांकि इस बार संकष्‍टी चतुर्थी या सकट चौथ पर पूजा-पाठ करने में लोगों को थोड़ी दिक्कत आ सकती है. दरअसल, आज सकट चौथ पर भद्रा का साया रहेगा. आज सुबह 7:15 से भद्राकाल शुरू होगा जो कि दोपहर 12:09 तक रहेगा. भद्रा काल में शुभ काम नहीं किए जाते हैं इसलिए सकट चौथ की पूजा भद्रा काल समाप्त होने के बाद करना बेहतर रहेगा. 

बता दें कि इस सकट चौथ पर सर्वार्थ सिद्धि योग, प्रीति योग और आयुष्मान योग जैसे बेहद शुभ योग बन रहे हैं. ऐसे में इस दिन किए गए पूजा पाठ का कई गुना ज्यादा फल मिलेगा. वहीं सकट चौथ पर चंद्रोदय का समय आज रात 8:41 रहेगा. 

सकट चौथ के दिन न करें ये काम 

संकष्‍टी चतुर्थी के दिन कुछ काम करने की मनाही की गई है. लिहाजा आज ये काम करने से बचें. 

- सकट चौथ के दिन काले वस्त्र नहीं पहने चाहिए. इस दिन लाल या पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है. 
- सकट चौथ के दिन भगवान गणेश की पूजा के अलावा चंद्रमा को अर्घ्‍य देना भी बहुत जरूरी है. बिना चंद्रमा को अर्घ्‍य दिए यह व्रत पूरा नहीं होता है. लेकिन इस दौरान ध्यान रखें कि चंद्रमा को अर्घ्‍य देते समय जल के छींटे आपके पैरों पर ना पड़ें.
- सकट चौथ का व्रत रख रहे हैं तो कथा अवश्य पढ़े बिना कथा पढ़े व्रत का पूरा फल नहीं मिलता है. इसके बाद ही अपना व्रत खोलें.
- सकट चौथ में भगवान गणेश की पूजा की जाती और इसमें कभी भी तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता है. भगवान गणेश को केवल दूर्वा और पीले-लाल रंग के फूल अर्पित करें. 
-इस दिन तामसिक भोजन का सेवन ना करें. व्रत नहीं रख रहे हैं तो भी लहसुन प्याज, नॉनवेज और शराब आदि का सेवन ना करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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