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'रामलीला' एक, रूप अनेक; जानें दुनिया में कहां-कहां किस रूप में होती है?

Ramlila in World: प्रभु राम के जीवन पर आधारित रामलीला का मंचन देश ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में बड़े उत्‍साह के साथ किया जाता है. 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्‍ठा के मौके पर जानते हैं दुनिया में कहां, किन रूपों में रामलीला का मंचन होता है. 

'रामलीला' एक, रूप अनेक; जानें दुनिया में कहां-कहां किस रूप में होती है?
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Shraddha Jain|Updated: Jan 19, 2024, 06:27 AM IST

Ram Mandir Ayodhya: भारत में रामलीला होना आम बात है और देश की कई रामलीला तो विश्‍वविख्‍यात हैं. वहीं हिंदुओं के आराध्‍य प्रभु राम के जीवन पर आधारित रामलीला का मंचन भारत के बाहर कई देशों में होता है. हालांकि देश, काल, परिस्थिति के अनुसार रामलीला में कई बदलाव हुए लेकिन राम एक ही रहे. आइए जानते हैं कि किन-किन देशों में रामलीला का मंचन होता है. 

कंबोडिया

कंबोडिया बौद्ध देश है और यहां हिंदू धर्म का खासा प्रभाव है. यहां रामायण को रीमकर और भगवान राम को प्रिय रीम कहा जाता है. सीता नेयांग सेडा और लक्ष्मण प्रीह लीक के नाम से जाने जाते हैं. यहां रामलीला तुलसीदास रचित रामचरितमानस के आधार पर होती है और इस पर कंबोडिया की कला का साफ प्रभाव दिखाई देता है.

थाईलैंड

थाईलैंड का तो राष्ट्रीय महाकाव्य रामाकीन यानी कि रामायण है. इसमें प्रभु राम की कीर्ति का गुणगान किया गया है. यह वाल्मीकि रामायण से ली गई है और थाई भाषा में है. थाईलैंड में छाया रामलीला होती है, जिसे नंग कहा जाता है. इसमें सफेद पर्दे के सामने पुतलियों को इस तरह नचाया जाता है कि उसकी छाया पर्दे पर पड़े. साथ ही यहां की रामलीला में मुखोटों का इस्तेमाल बहुत खास होता है. 

म्यांमार 

म्यांमार में रामलीला को यामप्वे कहा जाता है यहां भी मुखौटों का इस्‍तेमाल प्रमुखता से होता है. साथ ही यामप्वे में विदूषक की भूमिका मुख्य होती है. साथ ही रामलीला शुरू होने से पहले एक-दो घंटे हास-परिहास होता है. 

इंडोनेशिया 

इंडोनेशिया के लोगों का धर्म भले ही इस्‍लाम है लेकिन रामायण उनकी संस्‍कृति है. यहां लोग 9वीं सदी में लिखी जैवनिस वर्जन आफ रामायण को मानते हैं. इंडोनेशिया के जावा के प्रंबनाम मंदिर में तो पूरे साल सेंद्रातारी रामायण चलती रहती है. यहां रामलीला का मंचन बैले डांस यानी नृत्य-नाटिका के रूप में होता है और एक बार में सैकड़ों कलाकार हिस्सा लेते हैं. 

लाओस

लाओस में वाल्मीकि रामायण का मंचन गीत-संगीत और नृत्‍य के साथ होता है. लाओस के राष्ट्रीय महाकाव्य फरा लाख फरा राम की कहानी राम कथा से मिलती है. इसमें प्रभु राम, भगवान बुद्ध के अलावा कई अन्‍य हिंदू देवताओं के भी वर्णन हैं. 

जापान और चीन 

जापान के लोकप्रिय कथा संग्रह होबुत्सुशू में राम कथा का संक्षिप्त वर्णन मिलता है. इस राम कथा का स्रोत चीनी भाषा का ग्रंथ छह परिमिता सूत्र है. यह कथा चीनी भाषा के अनामकंजातक पर आधारित है. 

मॉरीशस
 
मॉरीशस में हर साल रामलीला का आयोजन किया जाता है. यह कायक्रम यहां का कला और सांस्कृतिक मंत्रालय कराता है. मॉरीशस में झाल-ढोलक के साथ गाई जाती है. यहां की रामलीला बेहद मशहूर है और इसमें अभिनय करने के लिए भारतीय कलाकारों को बुलाया जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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