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राम मंदिर में भक्‍तों का सैलाब...दान का लग रहा ढेर, जानें 11 दिन का कलेक्‍शन

Ram Mandir Daan: सालों के इंतजार के बाद अयोध्‍या के राम मंदिर में विराजे रामलला के दर्शन करने के लिए पूरे देश से श्रद्धालु उमड़ रहे हैं. आलम यह है कि प्राण प्रतिष्‍ठा के बाद 11 दिन में ही 25 लाख श्रद्धालु यहां पहुंच चुके हैं. 

राम मंदिर में भक्‍तों का सैलाब...दान का लग रहा ढेर, जानें 11 दिन का कलेक्‍शन
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Shraddha Jain|Updated: Feb 02, 2024, 10:06 AM IST

Offerings in Ram Mandir: अयोध्‍या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा हुए अभी 11 दिन ही हुए हैं और यहां पहुंचने वाले भक्‍तों की संख्‍या रोज रिकॉर्ड तोड़ रही है. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्‍ठा के बाद 23 जनवरी से मंदि को आम श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था. इसके बाद से 11 दिन में राम मं‍ि र में 25 लाख से ज्‍यादा श्रद्धालु रामलला के दर्शन करने आ चुके हैं. इतना ही नहीं अपने आराध्‍य प्रभु राम के लिए भक्‍तगण खुले हाथों से चढ़ावा भी चढ़ा रहे हैं. 

11 दिन में 11 करोड़ रुपए 

रामलला के दर्शन करने आए भक्‍त खुलकर दान दे रहे हैं. 11 दिन में ही राम मंदिर ट्रस्‍ट को चढ़ावे के रूप में भक्‍तों से 11 करोड़ रुपए मिल चुके हैं. इस तरह देखें तो राम मंदिर में औसतन 1 करोड़ रुपए का चढ़ावा रामलला को चढ़ाया जा रहा है. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुताबिक पिछले 10 दिनों में दान पेटियों में करीब 8 करोड़ रुपये जमा हुए हैं और करीब 3.50 करोड़ रुपये ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं.

दान के रुपए गिन रहे कर्मचारी 

मंदिर ट्रस्ट ने दान में आए धन को गिनने के लिए कई कर्मचारी लगाए हैं. रामभक्‍तों को चढ़ावा चढ़ाने के लिए मंदिर में अलग-अलग जगहों पर दान पेटियां रखी गई हैं. गर्भगृह के सामने दर्शन पथ के पास ही 4 बड़े आकार की दान पेटियां रखी गई हैं, जिनमें श्रद्धालु दान कर रहे हैं. इसके अलावा 10 कम्प्यूटरीकृत काउंटर भी बनाए गए हैं, जहां पर श्रद्धालु ऑनलाइन दान कर रहे हैं. इन दान काउंटर्स पर मंदिर ट्रस्‍ट के कर्मचारी मौजूद रहते हैं. साथ ही मंदिर में रखी गईं दान पेटियों के रुपयों को गिनने के लिए बैंक कर्मचारियों की भी मदद ली जाती है. यह सारी प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में की जाती है. 

बता दें कि कड़ाके की ठंड के बावजूद रामलला के दर्शन के लिए अयोध्‍या आ रहे श्रद्धालुओं की संख्या में कोई कमी नहीं हो रही है. रोजाना सुबह 7 बजे से मंदिर को भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया जाता है और दोपहर में ढाई घंटे के विश्राम के बाद रात 10 बजे तक मंदिर में भक्‍त दर्शन करते हैं. 

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