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आज खुलेगा जगन्‍नाथ मंदिर का रत्‍न भंडार, सबसे पहले होगी सांप पकड़ने वाले की एंट्री

Ratna Bhandar Rahasya: 46 साल के बाद एक बार फिर से पुरी के भगवान जगन्नाथ मंदिर का पवित्र रत्न भंडार खुलने जा रहा है. इस रत्‍न भंडार को खोलने के वादे चुनावों में भी किए गए थे. 

आज खुलेगा जगन्‍नाथ मंदिर का रत्‍न भंडार, सबसे पहले होगी सांप पकड़ने वाले की एंट्री
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Shraddha Jain|Updated: Jul 14, 2024, 09:14 AM IST

Jagannath Mandir ka Khajana: ओडिशा के पुरी स्थित भगवान जगन्‍नाथ मंदिर का पवित्र रत्‍न भंडार आज 14 जुलाई 2024 को खुलने जा रहा है. बहुप्रतीक्षित रत्‍न भंडार का खुलना बड़ी खबर है क्‍योंकि इस खजाने को खोलने का वादा चुनावी घोषणा पत्र में भी किया गया था. रत्‍न भंडार रखे रत्नों की मरम्मत किए जाने के साथ उसकी गिनती की भी जाएगी. साथ ही रत्‍न भंडार में मौजूद आभूषणों की संख्या, गुणवत्ता, वजन, फोटो आदि का पूरा डिजिटल कैटलॉग भी तैयार किया जाएगा. ताकि भविष्य के रिफरेंस दस्तावेज के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा. रत्‍न भंडार को खोलने के लिए पूरी SOP बनाकर मंदिर प्रशासन को सौंप दी गई है, जिसका पालन किया जाएगा. 

मौजूद रहेगी विशेषज्ञों की टीम 

रत्‍न भंडार को खोलते समय मंदिर ट्रस्‍ट के लोगों के अलावा ASI की टीम और विभिन्‍न क्षेत्रों के प्रमुख विशेषज्ञ भी मौजूद रहेंगे. ताकि खजाने से जुड़े हर पहलू की अच्‍छी तरह जांच की जा सके. साथ ही उस समय होने वाली किसी भी समस्‍या से निपटा जा सके. दरअसल यह खजाना आज से 46 साल पहले 1978 में आखिरी बार खोला गया था. लिहाजा 46 सालों से बंद खजाने को खोलने के लिए हर तरह से तैयारी की गई है. 

सबसे पहले सांप पकड़ने वाला विशेषज्ञ लेगा एंट्री 

खजाना खोलने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले मंदिर के पुजारी भगवान लोकनाथ की पूजा करेंगे. इसके बाद ही रत्‍न भंडार को खोलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. एहतियात के तौर पर रत्‍न भंडार को खोलने के लिए सबसे पहले सांप पकड़ने वाला व्‍यक्ति एक अधिकृत कर्मचारी के साथ अंदर जाएगा. आमतौर पर मान्‍यता है कि खजानों की रक्षा नाग करते हैं. सनातन धर्म में नाग देवता ही धन की रक्षक माने गए हैं. 

ऐसी कई पौराणिक कथाएं हैं जिनमें खजानों के ऊपर नाग देवता बैठे हुए मिले हैं या खजाने की रक्षा करते हुए मिले हैं. इसी बात को ध्‍यान में रखते हुए रत्‍न भंडार खोलने वालों की टीम में स्‍नेक कैचर को प्रमुखता से शामिल किया गया है. 

क्‍या कुछ है पुरी के खजाने में? 

पुरी में भगवान जगन्नाथ के मंदिर का प्रबंधन राज्य सरकार के कानून विभाग के अधीन है. 2018 में तत्कालीन कानून मंत्री प्रताप जेना ने विधानसभा में बताया था कि रत्न भंडार में 12,831 भरी (एक भरी 11.66 ग्राम के बराबर) से ज्यादा सोने के जेवर हैं. इनमें कीमती पत्थर जड़े हुए हैं. साथ ही 22,153 भरी चांदी के बर्तन और अन्य सामान हैं. 

2 हिस्‍से में है खजाना 

खबरों के मुताबिक मंदिर के अंदर ही रत्न भंडार है जो दो हिस्सों में बंटा है. इसका बाहरी हिस्सा तो खुला है, लेकिन भीतरी हिस्से को लेकर रहस्य बना हुअ है. बताया जाता है कि रत्न भंडार में भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा के कीमती आभूषण हैं, जिन्‍हें पूर्व समय में राजाओं द्वारा दान किया गया था. आमतौर पर ये आ‍भूषण भगवान जगन्‍नाथ की रथ यात्रा जैसे खास मौकों पर भगवान के श्रृंगार के लिए निकाले जाते हैं. लेकिन भीतरी भंडार को पिछले 46 साल से नहीं खोला गया.

आखिरी बार जब 1978 में 13 मई से 13 जुलाई के बीच रत्न भंडार खोला गया था, तब इसमें मौजूद सामानों को सूचीबद्ध किया गया था. इसके अनुसार भीतरी भंडार में करीब 128 किलो सोना और 222 किलो चांदी होने की बात कही गई. लेकिन सोने-चांदी की कई ऐसी चीजें भी थीं जिनका आंकलन नहीं किया गया. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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