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PM Modi Tamil Nadu Visit: जहां मिले थे भगवान राम और विभीषण, वहीं पर बना कोठंडारामस्वामी मंदिर... जानें इतिहास

Kothandaramaswamy Temple History: पीएम ने तिरुचिरापल्ली में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में दर्शन किए. अब पीएम आज धनुषकोडी के कोठंडारामस्वामी मंदिर में दर्शन करेंगे. आज हम आपको इस मंदिर के बारे में बताएंगे. आइए जानते हैं.

PM Modi Tamil Nadu Visit: जहां मिले थे भगवान राम और विभीषण, वहीं पर बना कोठंडारामस्वामी मंदिर... जानें इतिहास
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Gurutva Rajput|Updated: Jan 20, 2024, 09:46 PM IST

PM Modi Tamil Nadu Visit: 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा. इसके लिए तैयारियां जोरों शोरों से चल रही हैं. इससे पहले के अनुष्ठान कार्यक्रम जारी हैं. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में पीएम मोदी भी मौजूद रहेंगे. इससे पहले पीएम मोदी दक्षिण भारत के मंदिरों में दर्शन कर रहे हैं. हाल ही में पीएम ने तिरुचिरापल्ली में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में दर्शन किए. अब पीएम धनुषकोडी के कोठंडारामस्वामी मंदिर में दर्शन करेंगे. आज हम आपको इस मंदिर के बारे में बताएंगे. आइए जानते हैं.

 

स्वामी विवेकानन्द ने भी किया था मंदिर का दौरा

 

कोठंडारामस्वामी मंदिर तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित है. ये मंदिरश्री कोठंडाराम स्वामी जी को समर्पित है. कोठंडारामा नाम का आशय धनुषधारी राम है. कहा जाता है कि स्वामी विवेकानन्द ने भी इस मंदिर का दौरा किया था. 1000 साल पुराने इस मंदिर की दिवारों पर रामायण की कई घटनाओं की पेंटिंग को दर्शाया गया है. वहीं, भगवान राम के मुख्य देवता को धनुष (कोथंडम) के रूप में दर्शाया गया है जिस कारण से मूर्ति का नाम कोठंडारामस्वामी है.

 

जानें मंदिर के पीछे की पौराणिक कथा

 

पौराणिक कथाओं के अनुसार जब रावण ने माता सीता का हरण कर अपने कारावास में रखा था, तब लंकापति के छोटे भाई विभीषण ने अपने बड़े भाई को कहा कि सीता को वापिस प्रभु राम को लौटा दें. लेकिन रावण ने अपने छोटे भाई की बात नहीं मानी. 

 

इसके बाद विभीषण ने रावण को छोड़ दिया और प्रभु राम से मिलने चले गए. राम जी से मिलने के बाद विभीषण ने आत्मसंपर्ण कर दिया. माना जाता है कि उनके बैठक के स्थान पर ही कोठंडारामस्वामी मंदिर बनाया गया था. रावण के वध के बाद भगवान राम ने विभीषण को लंकापति बना दिया. 

 

मरम पेड़ है खास

 

कोठंडारामस्वामी मंदिर का प्रमुख आकर्षण अथी मरम पेड़ है. ये पेड़ सबसे पुराना पेड़ माना जाता है. वहीं, मंदिर के पास नंदमबक्कम है जहां प्रभु राम ने ऋषि भृंगी के आश्रम में कुछ दिन बिताए थे.

 

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)  

 
 
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