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पितृ पक्ष की सप्‍तमी तिथि, इस मुहूर्त में श्राद्ध-तर्पण करने से प्रसन्‍न होंगे पितर

Pitru Paksha 2023: इस समय पितृ पक्ष चल रहे हैं और लोग अपने पूर्वजों की आत्‍मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि अनुष्‍ठान कर रहे हैं. जिन पूर्वजों की मृत्‍यु सप्‍तमी तिथि को हुई है, उनके लिए आज अनुष्‍ठान किए जाएंगे. 

पितृ पक्ष की सप्‍तमी तिथि, इस मुहूर्त में श्राद्ध-तर्पण करने से प्रसन्‍न होंगे पितर
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Shraddha Jain|Updated: Oct 05, 2023, 08:03 AM IST

Shradh 2023: आज पितृपक्ष का सातवां दिन है और आज सप्‍तमी तिथि का श्राद्ध किया जाएगा. यानी कि जिन पूर्वजों का निधन सप्‍तमी तिथि के दिन हुआ था उनकी आत्‍मा की शांति के लिए आज श्राद्ध, तर्पण आदि अनुष्‍ठान किए जाएंगे. ऐसा करने से पितृ प्रसन्‍न होते हैं और उनके आशीर्वाद से घर में सुख, समृद्धि रहती है, वंशवृद्धि रहती है, घर के सदस्‍यों के बीच प्रेम रहता है. आइए जानते हैं कि आज 5 सितंबर 2023, गुरुवार को सप्तमी श्राद्ध पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए कैसे अनुष्ठान करें और इसके लिए शुभ मुहूर्त कौनसा है. 

सप्तमी श्राद्ध मुहूर्त 

कुतुप मुहूर्त- सुबह 10 बजकर 51 मिनट से सुबह 11 बजकर 42 मिनट तक
रौहिण मुहूर्त-  सुबह 11 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक
अपराह्न काल- दोपहर 12 बजकर 31 मिनट से दोपहर 02 बजकर 59 मिनट तक

7 ब्राह्मणों को कराएं भोजन 

आज सप्‍तमी तिथि के दिन परिवार के उन मृत सदस्‍यों के लिए श्राद्ध-तर्पण किया जाता है, जिनकी मृत्‍यु किसी भी महीने के कृष्‍ण पक्ष या शुक्‍ल पक्ष की सप्‍तमी तिथि को हुई हो. ऐसी मान्यता है कि सप्तमी श्राद्ध पर सात ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए. इस दिन कुश के आसन पर बैठकर पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्री हरि भगवान विष्णु के पुरुषोत्तम स्वरूप की आराधना की जाती है. साथ ही भगवत गीता के सातवें अध्याय का पाठ किया जाता है. 

इस मंत्र का करें जाप 

पितरों की शांति के लिए विशेष पितृ मंत्र का जाप भी जरूर करना चाहिए. इसके तहत सप्तमी का श्राद्ध करने के लिए हाथ में कुश, जौ, गंगाजल, दूध, काला तिल और अक्षत लेकर संकल्प लें. इसके बाद 'ॐ अद्य श्रुतिस्मृतिपुराणोक्त सर्व सांसारिक सुख-समृद्धि प्राप्ति च वंश-वृद्धि हेतव देवऋषिमनुष्यपितृतर्पणम च अहं करिष्ये' मंत्र का जाप करें.

श्राद्ध में ब्राह्मणों के साथ-साथ गाय, कौवे और चींटियों के लिए भोजन निकालना बहुत जरूरी होता है. चींटियों के लिए भी पत्‍तल में भोजन निकालें. साथ ही ब्राह्मणों को अपनी सामार्थ्य के अनुसार, दान-दक्षिणा जरूर दें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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