Surya Grahan kab lagega 2024 mein: जब चन्द्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्व भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र में विचरण करता है तो उस अवधि को पंचक काल कहते हैं. पंचक 5 दिन के होते हैं और हर 27 दिन के बाद लगते हैं. पंचक को अशुभ माना जाता है और पंचक काल में शुभ कार्य वर्जित होते हैं. अप्रैल महीने में तो पंचक को लेकर अजीब स्थिति बन रही है. अप्रैल में लगने वाले पंचक चोर पंचक हैं, जो कि 5 अप्रैल से शुरू होकर 9 अप्रैल तक रहेंगे. वहीं इस दौरान 3 महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार और ग्रहण पड़ रहे हैं. ऐसी स्थिति में पंचक को लेकर कुछ सावधानी बरतने की जरूरत है.
अप्रैल में पंचक कब से कब तक हैं?
अप्रैल में पंचक 5 अप्रैल 2024 शुक्रवार को सुबह 07.12 से शुरू हो रहे हैं जो कि 9 अप्रैल 2024 को सुबह 07.32 पर समाप्त होंगे. अप्रैल के पंचक चोर पंचक हैं. साथ ही इन पंचक की शुरुआत 5 अप्रैल को पापमोचिनी एकादशी के दिन से हो रही है. इसके बाद 8 अप्रैल को सोमवती अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण लगेगा. 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही हैं और इसी दिन से हिंदू नव वर्ष शुरू होगा. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना होती है. यानी कि घटस्थापना के दिन सुबह पंचक समाप्त होंगे. इस तरह पंचक के दौरान इतने महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार और सूर्य ग्रहण का पड़ना इन 5 दिनों की अवधि को विशेष बना रहा है.
पंचक में इन बातों का रखें विशेष ध्यान
धर्म-शास्त्रों में चोर पंचक को बेहद अशुभ बताया गया है, क्योंकि यह पंचक नुकसान हानि के योग बनाते हैं. इसलिए इन पंचक के दौरान कुछ विशेष सावधानी रखने की जरूरत है.
- पंचक में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. जैसे- गृहनिर्माण की शुरुआत, गृह प्रवेश, मुंडन-जनेऊ संस्कार, नए व्यापार की शुरुआत, घर की छत डलवाना आदि.
- पंचक में फर्नीचर या लकड़ी का सामान नहीं खरीदें. ना ही बिस्तर खरीदें.
- चोर पंचक होने के चलते इन 5 दिनों में ना तो निवेश ना करें, ना ही भूमि-भवन आदि खरीदें.
- पंचक में दक्षिण दिशा की यात्रा करना भी अच्छा नहीं होता है. इस दिशा में की गई यात्रा कष्ट-नुकसान देती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)