Shrinathji: आज के समय में अच्छी लाइफ स्टाइल भला कौन नहीं चाहता है. जिसकी प्राप्ति के लिए व्यक्ति भरसक प्रयास और मेहनत भी करने में लगा हुआ है, लेकिन इसके बाद भी वह कभी-कभी अपनी इच्छाओं को पूरा करने में असफल रह जाता है. इसका एक कारण भाग्य का साथ न देना भी है. जब भाग्य और कर्म दोनों मिलकर कार्य करते हैं तो किये गए प्रयासों में जल्दी सफलता हासिल होती है. ईश्वर के आशीर्वाद और सद्कर्म के बिना लक्ष्य को हासिल करना असंभव है, इसलिए जिन लोगों को ईश्वर में आस्था है, उन्हें दिन की शुरुआत प्रभु की आराधना से करनी चाहिए.
कृष्ण भक्त को धन और भौतिक संसाधनों में अपार वृद्धि के लिए श्रीनाथजी का पूजन करना चाहिए. श्रीनाथ, भगवान कृष्ण के कई रूपों में से एक है. भगवान श्रीनाथ जी के जो भक्त उनसे यह कामना करते हैं कि वें उन्हें सभी प्रकार के भौतिक सुख प्रदान करें, उन्हें नियमित रूप से श्रीनाथ का पूजन (स्नान, श्रृंगार और भोग) करना चाहिए इसके साथ ही गोपालसहस्त्रनाम स्तोत्र का नित्य पाठ भी करना चाहिए. इस प्रयोग से आपकी धन संबंधी समस्या का निवारण होगा और जीवन में सुख-शांति भी आएगी. भजन-कीर्तन के साथ ही घर से नकारात्मकता को दूर होते देर नहीं लगेगी. इनकी भक्ति करने वालों का कभी बुरा नहीं होता है. इसका एक उदाहरण यह भी है कि उन्होंने एक हाथ से गोवर्धन पर्वत को संभाला हुआ है.
बालरूप
श्रीकृष्ण के अनेक रूपों में श्रीनाथजी 7 वर्ष की अवस्था के रूप में है. राजस्थान के नाथद्वारा में श्रीनाथ जी के इस स्वरूप का भव्य एवं विशाल मंदिर स्थित है. भगवान श्रीकृष्ण की काले रंग की संगमरमर की मूर्ति है, जिसमें वह गोवर्धन पर्वत को अपने एक हाथ पर उठाये दिखाई देते है और दूसरे हाथ से भक्तों को आशीर्वाद दे रहे है. ऐसी मान्यता है श्रीनाथ के दर्शन के लिए आने वाले हर भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.