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Masan Holi 2024: बनारस में क्यों खेली जाती है चिता की राख से होली? जानें महत्व और मसान होली की डेट

Masan Holi Kab Hai: मथुरा वृंदावन की फूलों की होली, लठमार होली काफी फेमस है, वहीं बनारस की मसान होली काफी प्रसिद्ध है. मसान होली चिता की राख से खेली जाती है. 

Masan Holi 2024: बनारस में क्यों खेली जाती है चिता की राख से होली? जानें महत्व और मसान होली की डेट
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Gurutva Rajput|Updated: Mar 14, 2024, 02:38 PM IST

Masan Holi 2024: होली के त्योहार का लोग पूरे साल से इंतजार करते हैं. होली के एक महीने पहले से कई जगहों पर जश्न शुरू हो जाता है. पूरे देशभर में कई प्रकार की होली प्रसिद्ध हैं. मथुरा वृंदावन की फूलों की होली, लठमार होली काफी फेमस है, वहीं बनारस की मसान होली काफी प्रसिद्ध है. मसान होली चिता की राख से खेली जाती है. आइए जानते हैं इस साल मसाल होली कब है और क्या है इस होली का महत्व?

 

कब है मसान होली?
हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी के अगले दिन मसान होली मनाई जाती है. कहा जा सकता है कि रंगभरी एकादशी के एक दिन बाद मसान होली खेली जाती है. इस साल बनारस में 21 मार्च को मसान होली खेली जाएगी. इस त्योहार पर लोग चिता की राख से होली खेलते हैं. इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की भी विशेष पूजा की जाती है.

 

मसान होली का महत्व
मसान होली देवों के देव महादेव को समर्पित है. ये एक प्राचीन परंपरा है जो 18वीं शताब्दी से चली आ रही है. माना जाता है कि भोलेनाथ को भस्म बहुत प्रिय होती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शिव मां पार्वती को विवाह के बाद बनारस लेकर आए थे. मां पार्वती के आगमन की खुशी में शिवगण ने चिता की राख से होली खेली थी. मसान होली मृत्यु पर विजय का प्रतीक मानी जाती है. शिवपुराण और दुर्गा सप्तशती में भी मसान होली का वर्णन किया गया है.

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कब है होली?
फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है और इसके अगले दिन होली खेली जाती है. पंचांग के अनुसार इस साल होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा और 25 मार्च को होली खेली जाएगी. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 14 मिनट से लेकर 12 बजकर 20 मिनट तक रहने वाला है. इसी बीच होलिका दहन करना सबसे शुभ रहेगा.

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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