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Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति के दिन क्या करना चाहिए क्या नहीं? जान लीजिए यहां

Makar Sankranti: हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल मकर संक्रांति पर्व 15 जनवरी 2024 को मनाया जाएगा. मकर संक्रांति के दिन दान-पुण्य का बेहद महत्व है. इस दिन आपको कुछ बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. चलिए जानते हैं मकर संक्रांति के दिन क्या करें और क्या नहीं.  

Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति के दिन क्या करना चाहिए क्या नहीं? जान लीजिए यहां
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Pooja Attri|Updated: Jan 03, 2024, 10:01 AM IST

Makar Sankranti 2024 Date: हिंदू धर्म में मकर संक्रांति पर्व की बेहद महत्ता है. मकर संक्रांति साल का पहला त्योहार होता है. जिस दिन ग्रहों के देवता सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते है उसी दिन शीतकालीन संक्रांति के साथ महीने के अंत और लंबे दिनों की शुरुआत होने का संकेत मिलने लगता है. मकर संक्रांति का दिन सूर्य देव को समर्पित होता है इसलिए इस दिन सूर्य देव के पूजन और व्रत का विधान है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल मकर संक्रांति पर्व 15 जनवरी 2024 को मनाया जाएगा. मकर संक्रांति के दिन दान-पुण्य का बेहद महत्व है. इस दिन आपको कुछ बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. चलिए जानते हैं मकर संक्रांति के दिन क्या करें और क्या नहीं.

इन बातों का रखें ध्यान मकर संक्रांति के दिन 
1. मकर संक्रांति के दिन आपको प्याज, लहसुन, मांस और शराब जैसे तामसिक भोजन को खाने से बचना चाहिए. 
2. मकर संक्रांति के दिन आपको सात्विक भोजन बनाकर ही ग्रहण करना चाहिए. 
3. मकर संक्रांति के दिन आपको कभी भी बड़ों और गरीबों का अपमान नहीं करना चाहिए. इससे आप पाप के भागी बनते हैं. 
4. मकर संक्रांति के दिन आपको किसी की बुराई या कोई नेगेटिव बात बोलने से बचना चाहिए. 
5. मकर संक्रांति के दिन के दिन आपको शराब का सेवन करने से बचना चाहिए. इससे आपके परिवार से सुख-समृद्धि चली जाती है.
6. मकर संक्रांति के दिन आपको चावल, दाल, गुड़, अंगूर, सूखे मेवे, और दूध से मीठे चावल जरूर बनाने चाहिए. 
7. मकर संक्रांति के दिन आप किसी धार्मिक स्थान पर जाकर भगवान का आशीर्वाद लें और वहां समय बिताएं. 
8. मकर संक्रांति के दिन दिन आपको मीठे कद्दू का सेवन अवश्य करना चाहिए. 

इन मंत्रों से प्रसन्न होंगे भगवान सूर्य
ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः 
ॐ सूर्याय नम:
ॐ घृणि सूर्याय नम: 
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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