trendingNow12216399
Hindi News >>धर्म
Advertisement

आज भी जिंदा है अश्वत्थामा...! जान लें महाभारत के इस रहस्‍यमयी किरदार की कहानी

Ashwathama Alive: पांडवों और कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य और उनकी पत्नी कृपि तपस्या करने के लिए हिमालय गए थे. दोनों की तपस्या को देख कर देवों के देव महादेव अति प्रसन्न हुए और उन्हें पुत्र प्राप्ति का वरदान दे दिया. इसके बाद कृपि ने पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम अश्वत्थामा है.

आज भी जिंदा है अश्वत्थामा...! जान लें महाभारत के इस रहस्‍यमयी किरदार की कहानी
Stop
Gurutva Rajput|Updated: Apr 22, 2024, 04:12 PM IST

Ashwathama Story: कौरवों और पांडवों के बीच हुए महाभारत के युद्ध में कई बड़े-बड़े योद्धा और वीर शामिल थे. इनमें से कई किरदार ऐसे थे जिन्होंने काफी कोहराम मचाया था. इन्हीं में से एक हैं अश्वत्थामा. लोगों का मानना है कि अश्वत्थामा आज भी जिंदा है और जंगलों में भटक रहा है. आज हम अश्वत्थामा के बारे में इसलिए बात कर रहे हैं क्योंकि फिल्म कल्कि 2898 एडी आजकल सुर्खियां बटोर रही हैं. इस फिल्म में बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन अश्वत्थामा का किरदान निभाने वाले हैं. इसी के चलते आज हम आपको महाभारत के इस रहस्यमयी किरदार की कहानी बताने जा रहे हैं. 

कौन है अश्वत्थामा?
पांडवों और कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य और उनकी पत्नी कृपि तपस्या करने के लिए हिमालय गए थे. दोनों की तपस्या को देख कर देवों के देव महादेव अति प्रसन्न हुए और उन्हें पुत्र प्राप्ति का वरदान दे दिया. इसके बाद कृपि ने पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम अश्वत्थामा है. अश्वत्थामा भी अपने पिता द्रोणाचार्य बहुत साहसी योद्धा बना था. 

महाभारत में पांडवों के खिलाफ लड़े अश्वत्थामा
जब पांडवों और कौरवों के बीच युद्ध हुआ तो हस्तिनापुर के सिंहासन का साथ देते हुए गुरु द्रोणाचार्य पांडवों के खिलाफ लड़े. हालांकि द्रोणाचार्य पांडव और कौरवों के गुरु थे लेकिन उन्होंने कौरवों के पक्ष में लक्षने का निर्णय लिया. अश्वत्थामा ने भी अपने पिता की तरह ही पांडवों के खिलाफ लड़ने का फैसला किया. युद्ध में अश्वत्थामा ने कौरवों की एक सेना का नेतृत्व किया था. वहीं, जब घटोत्कच के नेतृत्व में राक्षसों ने हमला किया तो सभी कौरव भाग गए लेकिन केवल अश्वत्थामा ने उसका सामना किया और घटोत्कच को घायल कर उसके पुत्र अंजनपर्वा को मार दिया. 

जब पांडवों ने किया द्रोणाचार्य का वध
महाभारत के युद्ध के समय अश्वत्थामा की मौत की झूठी खबर फैला दी. इस खबर को सुनते ही पिता द्रोणाचार्य शोक में डूब गए. इसके बाद मौका पाकर पांडवों ने द्रोणाचार्य का सिर धड़ से अलग कर दिया. जब अश्वत्थामा को पिता के निधन की खबर मिली तो वो बहुत दुखी हो गया और मौत का बदला लेने की बात ठान ली. इसके बाद अश्वत्थामा ने पांडवों के पुत्रों को मार गिरा दिया. 

यह भी पढ़ें: लक्ष्मी नारायण योग 2024: मेष राशि में शुक्र और बुध का मिलन, इन 3 राशियों को मिलेगा भाग्य का साथ, कमाएंगे खूब पैसा

 

श्री कृष्ण ने दे दिया श्राप
पांडवों के बेटों को मार गिराने के बाद श्री कृष्ण ने अश्वत्थामा को हजारों साल तक जिंदा रहने और भटकते रहने का श्राप दे दिया. कहा जाता है कि आज भी अश्वत्थामा जंगलों में भटक रहा है और उसके शरीर पर चोट के बहुत बड़े बड़े निशान है साथ ही उसमें से रक्त की दुर्गंध भी आती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Read More
{}{}