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मार्गशीर्ष पूर्णिमा आज, जानें स्‍नान-दान का शुभ समय और महत्‍व

Margashirsha Purnima 2023 kab hai: बेहद महत्‍वपूर्ण मानी गई मार्गशीर्ष पूर्णिमा 26 दिसंबर 2023, मंगलवार को यानी कि आज है. यह साल 2023 की आखिरी पूर्णिमा है. 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा आज, जानें स्‍नान-दान का शुभ समय और महत्‍व
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Shraddha Jain|Updated: Dec 26, 2023, 07:22 AM IST

Margashirsha Purnima kab hai 2023: हिंदू धर्म में पूर्णिमा का दिन बेहद पवित्र और महत्‍वपूर्ण माना गया है. पूर्णिमा को चंद्रमा पूरा होता है, साथ ही सूर्य और चंद्रमा समसप्‍तक होता है. उस पर कुछ महीनों की पूर्णिमा को तो विशेष दर्जा दिया गया है. मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा भी इसमें शामिल है. मार्गशीर्ष महीना भगवान कृष्‍ण का प्रिय महीना है. इस महीने की पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्‍नान करना, दान करना बहुत पुण्‍य देता है. मान्‍यता है कि मार्गशीर्ष माह से ही सतयुग काल आरंभ हुआ था. इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा 26 दिसंबर 2023, मंगलवार यानी कि आज मनाई जाएगी. साथ ही यह साल 2023 की आखिरी पूर्णिमा भी है. इस पूर्णिमा को बत्‍तीसी पूर्णिमा भी कहते हैं, इसके पीछे मान्‍यता है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन किए गए दान का अन्‍य पूर्णिमा की तुलना में 32 गुना फल मिलता है. 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा स्‍नान दान शुभ मुहूर्त 

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि 26 दिसंबर की सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर शुरू हो चुकी है जो कि 27 दिसंबर को सुबह 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगी. इस तरह श्रद्धालुओं को पूर्णिमा स्‍नान-दान, पूजा-पाठ के लिए पूरा दिन मिलेगा. यानी कि 26 दिसंबर को पूरे दिन ही ये पुण्‍य कार्य किए जा सकेंगे. 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा विधि 

पूर्णिमा की सुबह घर की साफ-सफाई करके स्‍नान करें. यदि पवित्र नदी में स्‍नान नहीं कर पा रहे हैं तो घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्‍नान करें. मुख्य द्वार पर बंदरवार लगाएं. संभव हो तो घर के सामने रंगोली बनाएं. पूजा वाली जगह पर गंगाजल छिड़कें और मुमकिन हो तो गाय के गोबर से उस जगह को पवित्र करें. तुलसी में जल चढ़ाएं. गंगाजल और कच्चा दूध मिलाकर भगवान विष्णु, भगवान गणेश, और मां लक्ष्मी को अर्पित करें. 

फिर अबीर, गुलाल, चंदन, अक्षत, फूल, मौली, तुलसी दल, फल, मिठाई, धूप-दीप से भगवान विष्‍णु की पूजा करें. मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा पढ़ने का बड़ा महत्‍व है. आखिर में आरती करें और सभी को प्रसाद दें. इस दिन जरूरतमंदों को धन, अनाज, गरम कपड़े आदि का सामर्थ्‍य अनुसार दान जरूर करें. योग्य ब्राह्मण को भोजन कराएं और दान दें. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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