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इस तारीख से शुरू होगा खाटू श्‍याम मेला, दूर-दूर से आते हैं भक्‍त

Khatu Shyam Mandir Rajasthan: राजस्‍थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्‍याम मंदिर में देश-दुनिया से श्रद्धालु आते हैं और अपनी मन्‍नत पूरी होने की प्रार्थना करते हैं. खाटू श्‍याम मंदिर में हर साल भरने वाला मेला भी बहुत मशहूर है. 

इस तारीख से शुरू होगा खाटू श्‍याम मेला, दूर-दूर से आते हैं भक्‍त
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Shraddha Jain|Updated: Feb 01, 2024, 11:22 AM IST

Lakkhi mela 2024: मान्‍यता है कि खाटू श्याम जी के दरबार में जो भी व्‍यक्ति अपनी मुराद लेकर पहुंचता है, उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. राजस्‍थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम मंदिर में वैसे तो पूरे साल भक्‍तों की भीड़ रहती है लेकिन खाटू श्‍याम जी के जन्‍मदिन और यहां होने वाले खाटू श्याम मेले के आयोजन में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने लायक होती है. खाटू श्‍याम मेले में ना केवल देश बल्कि विदेशों से भी लोग आते हैं. इसे लक्‍खी मेला भी कहते हैं. 

12 मार्च से शुरू होगा खाटू श्‍याम मेला 

खाटू श्‍याम मेला या लक्‍खी मेला फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से द्वादशी तक चलता है. इस दौरान देश के कोने-कोने से लाखों भक्त यहां आते हैं और बाबा श्री खाटूश्याम जी के दर्शन करते हैं. साल 2024 में खाटू श्‍याम मेला 12 मार्च से शुरू होगा, जो कि 21 मार्च तक चलेगा. इस बीच फाल्‍गुन शुक्‍ल पक्ष की एकादशी तिथि को खाटू श्‍याम जी ने अपना शीश काटकर भगवान श्रीकृष्‍ण के चरणों में चढ़ाया था इसलिए इस तिथि पर यहां विशेष आयोजन होता है. इस साल यह तिथि 20 मार्च 2024 को पड़ रही है. 

भगवान श्रीकृष्‍ण के चरणों में चढ़ा दिया था शीश  

पौराणिक कथाओं के अनुसार, फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन ही बर्बरीक ने अपना शीश भगवान श्रीकृष्‍ण के चरणों में अर्पित कर दिया था. खाटू श्याम जी घटोत्कच के पुत्र और भीम के पोते बर्बरीक ही हैं. भगवान श्रीकृष्‍ण बर्बरीक की यह आस्‍था देखकर प्रसन्‍न हुए और उन्‍हें कलियुग में पूजे जाने का वरदान दिया. साथ ही तभी से बर्बरीक को खाटू श्याम जी कहा जाने लगा. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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