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Kashi Vishwanath Temple: काशी विश्वनाथ मंदिर में अब QR कोड से होगा प्रवेश, इन मंदिरों में पहले से है ये व्यवस्था

Entry With QR Code In Temple: मंदिरों को डिजीटल करने की कवायद इन दिनों तेज हो रही है. इसी मुहिम में अब एक और मंदिर का नाम जुड़ गया है. जी हां, हम बात कर रहे हैं काशी विश्वनाथ मंदिर की. अब काशी विश्वनाथ मंदिर में भी क्यूआर  कोड से प्रवेश मिलेगा. मंदिर में इसके लिए आरएफआईडी मशीन लगाई गई हैं. 

 
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shilpa jain|Updated: Mar 07, 2024, 03:34 PM IST

QR Code In Temple: इन दिनों मंदिरों को डिजीटल बनाने की मुहीम तेज हो चुकी है. माता वैष्णो देवी के बाद काशी के विश्वनाथ मंदिर का नाम भी इस लिस्ट में जुड़ चुका है. काशी विश्वनाथ मंदिर में भी अब क्यूआर कोड से प्रवेश मिलेगा. बताया जा रहा है कि इसके लिए अब मंदिर में ही आरएफआईडी मशीन लगाई जा रही है. मार्च के अंत तक इस व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा. 

बता दें कि पहले चरण में ये व्यवस्था अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए लागू होगी. वहीं, दूसरे चरण में इस व्यवस्था में वीआईपी दर्शन, सुगम दर्शन और प्रोटोकॉल दर्शन वाले श्रद्धालुओं के लिए शुरू किया जाएगा. आइए जानते हैं काशी विश्वनाथ से पहले क्यूआर कोड को किन मंदिरों में लागू किया जा चुका है. 

इन मंदिरों में पहले से है ये व्यवस्था 

मां वैष्णों देवी 

काशी विश्वनाथ से पहले मां वैष्णों देवी में इस व्यवस्था को लागू किया जा चुका है. इसके लिए  श्रद्धालुओं को अब भवन पर माता के दर्शन करने और कमरा आदि बुक करवाने के लिए लंबी लाइन में नहीं लगना पड़ता. इसके साथ ही इस क्यूआर कोड से श्रद्धालु अब भवन पर आसानी से दर्शन कर पाते हैं. 

राम मंदिर

अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में हालांकि अभी क्यूआर कोड वाली व्यवस्था नहीं लागू हुई है. लेकिन राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन भक्तों की एंट्री के लिए क्यूआर कोड व्यवस्था ही लागू की गई थी. फिलहाल यहां पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. 

झारखंड बाबा मंदिर

झारखंड स्थित बाबा मंदिर में भी क्यूआर कोड व्यवस्था लागू की गई है. इसमें व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए शीघ्रदर्शनम शुल्क देने के बाद भक्तों को एक वन टाइम क्यूआर कोड दिया जाता है. इस व्यवस्था के तहत मशीन में लगे स्कैनर में स्कैन कराते ही ऑटोमेटिक गेट दो मिनट के लिए अपने आप खुल जाता है. इसके बाद भक्त प्रवेश करते हैं. बता दें कि इस क्यूआर कोड का इस्तेमाल एक बार ही किया जा सकता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
       

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