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Kanya Sankranti 2022: कन्या संक्रांति पर मान-सम्मान में वृद्धि के लिए यूं करें सूर्य उपासना, जानें पुण्य काल का मुहूर्त

Kanya Sankranti 2022 Date: ज्योतिष अनुसार हर ग्रह एक निश्चित समय पर राशि परिवर्तन करता है. सर्य 17 सितंबर को कन्या राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. जानें इसका महत्व और सूर्य उपासना की विधि. 

 
फाइल फोटो
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Zee News Desk|Updated: Sep 10, 2022, 05:47 PM IST

Kanya Sankranti Puja Vidhi 2022: सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन संक्रांति कहलाता है. हर माह 30 दिन बाद सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं. इस दौरान सूर्य की पूजा आराधना का विशेष महत्व बताया जाता है. इस तरह पूरे साल में लगभग 12 संक्रांति मनाई जाती हैं. इनमें दो संक्रांति खास होती हैं. अश्विन माह में आने वाली संक्रांति को कन्या संक्रांति के नाम से जाना जाता है. 

17 सितंबर को सूर्य सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे. इसलिए इसे कन्या संक्रांति के नाम से जाना जाएगा. कन्या राशि में सूर्य एक माह तक विराजमान रहेंगे. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जानते हैं कन्या संक्रांति के दिन सूर्य की पूजा कैसे की जाती है. और कन्या संक्रांति के पुण्यकाल का समय और पूजा के महत्व के बारे में. 

कन्या संक्रांति 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त 

- हिंदू धर्म में संक्रांति का विशेष महत्व बताया जाता है. संक्रांति के दिन स्नान-दान का भी खास महत्व है. इस दिन पुण्य काल का मुहूर्त सुबह 07 बजकर 36 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 08 मिनट तक है. वहीं, महा पुण्यकाल का मुहूर्त सुबह 07 बजकर 36 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 38 मिनट तक है. इस दिन सूर्य सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में सुबह 07 बजकर 36 मिनट पर प्रवेश कर जाएंगे. 

कन्या संक्रांति पर सूर्य पूजा विधि

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर है, तो संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा से लाभ होता है. इस दिन अपने घर की पूर्व दिशा को स्वच्छ करें. इस दिन पिता और पितातुल्य लोगों का सम्मान करें. इस दिन सूर्योदय से पहले उठें और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दें. 

- मान्यता है कि इस दिन आदित्यह्दयस्त्रोत का पाठ करना विशेष लाभदायी होता है. साथ ही, सूर्य देव को अर्घ्य देते समय जल में कुमकुम, लाल फूल, इत्र आदि चीजों को शामिल करें. ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. 

- धार्मिक मान्यता है कि कन्या संक्रांति के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने की सलाह दी जाती है. ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन विश्वकर्मा भगवान की पूजा का भी खास महत्व बताया जाता है. ऐसा करने से व्यापार में तरक्की मिलती है. मान-सम्मान में वृद्धि होती है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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