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अगर कुंडली में गुरु-शुक्र में हो एक साथ तो झेलनी पड़ सकती है आर्थिक तंगी, जानें कैसे बचें

Astrology: कुंडली में कुछ भावों को खर्च की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना गया है. यदि इसी से संबंधित ग्रह भी इस घर में जा कर बैठ जाए तो स्थितियां व्यक्ति को और प्रबल बना देती हैं. 

अगर कुंडली में गुरु-शुक्र में हो एक साथ तो झेलनी पड़ सकती है आर्थिक तंगी, जानें कैसे बचें
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Shilpa Rana|Updated: Dec 22, 2023, 01:36 PM IST

Jyotish Shastra: कुंडली में कई स्थान पर एक से अधिक ग्रह विराजमान होते हैं. किसी में एक या फिर दो ग्रह विराजते हैं. ग्रहों का एक साथ होना ज्योतिष की भाषा में युति कहलाता है. यह कांबिनेशन कई बार उस व्यक्ति के लिए बहुत ही अच्छे परिणाम लेकर आते हैं तो कई बार यह चेतावनी भी देता है कि आने वाली समस्या को लेकर अलर्ट हो जाएं. कुंडली में कुछ भावों को खर्च की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना गया है. यदि इसी से संबंधित ग्रह भी इस घर में जा कर बैठ जाए तो स्थितियां व्यक्ति को और प्रबल बना देती हैं. 

 

गुरु और शुक्र की युति

 

गुरु और शुक्र का कांबिनेशन यदि व्यक्ति के छठे घर में हो जाए तो लोग बहुत ही महंगे शौक वाले हो जाते हैं. ऐसे लोग दिखावे और वाहवाही में खर्च करने से पीछे नहीं हटते. उदाहरण के तौर पर अगर इन्हें कार खरीदनी है तो सबसे लग्जरी वाली और टॉप मॉडल का चुनाव करते हैं. अपने शौक पूरे करने के लिए यह लोग अपने मित्रों और रिश्तेदारों से कर्ज लेने में जरा भी संकोच नहीं करते हैं, जो भविष्य में इनको मुश्किलों में डाल देता है. जरूरतों को पूरा करने में यह एक मिनट भी सोच विचार नहीं करते हैं. वर्तमान में जीने की वजह से इन्हें भावी भविष्य की चिंता नहीं सताती है. कई बार दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसा मांगते हैं और उनका भुगतान नहीं कर पाते हैं तो वह आपसे कन्नी काटने लगते हैं. 

 

कैसे खर्चे से बचें

 

ऐसे लोगों को क्रेडिट कार्ड से दूर ही रहना चाहिए, क्योंकि क्रेडिट कार्ड से खरीददारी करने में आपको अंदाजा ही नहीं मिलेगा कि जेब से कितना आगे बढ़कर खरीददारी कर रहे हैं. सलाह है कि आप लिमिट से अधिक खरीददारी करेंगे तो शौक के साथ धन का भी बैलेंस बना पाएंगे. माता-पिता या फिर ऐसे लोगों की संगत में रहना चाहिए जो आपको अनावश्यक खर्च करने पर रोक लगाएं. निजी जरूरतें समेट कर रखें ताकि आपकी आमदनी से ही पूरे हो जाएं. कर्ज तभी लेना चाहिए जब बहुत ही विकट परिस्थिति हो या परिवार के सभी सदस्यों के हित से जुड़ा हो. जेब में रखें धन के हिसाब से ही धन खर्च करना ठीक रहता है. 

 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता.

 
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