trendingNow11219136
Hindi News >>धर्म
Advertisement

Jagannath rath yatra 2022: आज होगा भगवान जगन्नाथ और सुभद्रा-बलदाऊ का स्नान, जानें कब से शुरू होगी रथ यात्रा

Jagannath rath yatra 2022 Date: भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के लिए महत्‍वपूर्ण अनुष्‍ठानों की शुरुआत ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा से हो जाती है. आज भगवान जगन्‍नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलदाऊ को स्‍नान कराया जाएगा.

फाइल फोटो
Stop
Zee News Desk|Updated: Jun 14, 2022, 12:42 PM IST

Jagannath rath yatra 2022 Date: ओडिशाा स्थित पुरी की जगन्‍नाथ रथ यात्रा बेहद मशहूर है. वैसे तो देश के कई हिस्सों में भगवान जगन्‍नाथ की रथ यात्रा बड़ी धूमधाम से निकलती हैं लेकिन ओडिशा में इसकी धूम देखने लायक होती है. आज ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व बड़े भाई बलदाऊ का विधि-विधान से स्‍नान कराया जाएगा. इसके बाद तीनों को मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा और दूसरे दिन से गर्भगृह के कपाट बंद कर दिए जाएंगे. फिर 15 दिन बाद भगवान जगन्‍नाथ रथ पर सवार होकर भक्‍तों को दर्शन देने के लिए निकलेंगे. 

आज भक्‍तों को दर्शन देंगे भगवान जगन्‍नाथ 

भगवान जगन्‍नाथ की रथ यात्रा की तैयारियां काफी दिन पहले से शुरू हो जाती हैं. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 14 जून को पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ भक्तों को दर्शन देंगे, फिर शाम 4 बजे से प्रभु को गर्भगृह से बाहर लाकर स्‍नान कराया जाएगा. भगवान जगन्‍नाथ के साथ बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलदाऊ को भी स्नान कराया जाएगा. फिर 15 दिन के लिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे. मंदिर के पट रथ द्वितीया तिथि के दिन खुलेंगे. 30 जून को भगवान जगन्‍नाथ के नेत्र खोलने की रस्‍म की जाएगी. 

यह भी पढ़ें: Rahu Nakshatra Parivartan: आज से पलटी मारेगी इन 3 राशि वालों की किस्‍मत, नई नौकरी-पैसा-प्रतिष्‍ठा देंगे 'राहु'!

1 जुलाई को निकलेगी रथ यात्रा 

भगवान जगन्‍नाथ अपने भक्‍तों को 1 जुलाई से दर्शन देंगे. इसके लिए भगवान जगन्‍नाथ अपनी बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलदाऊ के साथ रथ पर सवार होकर निकलेंगे. इस मशहूर और पवित्र रथ यात्रा में शामिल होने के लिए लाखों भक्‍त देश-दुनिया से पुरी पहुंचते हैं. मान्‍यता है कि इस रथ यात्रा में सम्मिलित होने से 100 यज्ञ करने जितना फल मिलता है. साथ ही धर्म-शास्‍त्रों में यह भी कहा गया है कि जो भी व्‍यक्ति रथ यात्रा में शामिल होकर गुंडीचा नगर तक जाता है, उसे जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है और वह बैकुंठधाम में जगह पाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Read More
{}{}