Hindi News >>धर्म
Advertisement

इस तारीख को निकलेगी महाप्रभु जगन्‍नाथ की रथ यात्रा, फिर मौसी के घर करेंगे 7 दिन विश्राम

Jagannath Yatra 2024 Date: विश्‍वप्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू होने वाली है. इस यात्रा में सम्मिलित होने के लिए देश-दुनिया से श्रद्धालु आते हैं. जानिए इस साल पुरी की रथ यात्रा कब है. 

इस तारीख को निकलेगी महाप्रभु जगन्‍नाथ की रथ यात्रा, फिर मौसी के घर करेंगे 7 दिन विश्राम
Stop
Shraddha Jain|Updated: Jun 30, 2024, 09:46 AM IST

Jagannath Rath Yatra 2024 Date: जगन्नाथ रथ यात्रा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. ओडिशा के पुरी शहर के जगन्‍नाथ मंदिर से हर साल प्रभु जगन्‍नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की रथ यात्रा निकलती है. तीनों देवी-देवता सुसज्जित रथों में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलते हैं. पुरी की मशहूर रथ यात्रा हर साल आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निकालती है. इस साल यह रथ यात्रा 7 जुलाई 2024 को निकलेगी. 

जगन्नाथ रथ यात्रा 2024 

इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा 7 जुलाई 2024 की सुबह 04:28 से निकाली जाएगी, जो 8 जुलाई 2024 की सुबह 05:01 तक चलेगी. इसके बाद रथ यात्रा प्रभु जगन्‍नाथ की मौसी के घर यानी कि गुंडीचा मंदिर पहुंचेगी. जहां एक हफ्ते विश्राम के बाद 16 जुलाई को भगवान वापस जगन्‍नाथ मंदिर को लौटेंगे. 

बहन सुभद्रा ने जताई थी नगर भ्रमण की इच्‍छा 

जगन्‍नाथ रथ यात्रा शुरू होने के पीछे एक पौराणिक कथा है. पद्म पुराण के अनुसार एक बार भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने नगर देखने की इच्छा जताई. तब उनके भाई जगन्नाथ भगवान और बलभद्र ने अपनी बहन को रथ में बिठाकर पूरा नगर दिखाया. इस यात्रा के दौरान वे अपनी मौसी गुंडीचा के घर गए जहां पर उन्होंने 7 दिनों तक विश्राम किया. माना जाता है कि तभी से जगन्नाथ यात्रा निकालने की परंपरा शुरू हो गई.

गुंडीचा मंदिर में होता है भगवान का भव्‍य सत्‍कार 
 
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा जब साल में एक बार गुंडिचा माता के मंदिर पहुंचती है तो वहां उनका भव्‍य स्‍वागत और सत्‍कार होता है. मंदिर को अच्‍छे से धुलकर फूलों से सजाया जाता है. इस रस्‍म को गुंडीचा मार्जन कहते हैं. फिर भगवान जगन्‍नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा का भव्‍य स्‍वागत होता है. 7 दिन तक उनकी खूब आवभगत होती है. इसके बाद धूमधाम से प्रभु जगन्‍नाथ वापस मंदिर लौट जाते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

{}{}