Premanand Ji Maharaj Satsang: वृंदावन के मशहूर संत प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन बेहद मशहूर हैं. इसके अलावा सत्संग के दौरान भक्तों के प्रश्नों के उत्तर देने के उनके वीडियो खूब वायरल होते हैं. लहसुन-प्याज खाने से जुड़े एक ऐसे ही प्रश्न का उत्तर सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रहा है. आइए जानते हैं प्रेमानंद जी महाराज ने लहसुन-प्याज खाने के प्रश्न पर क्या उत्तर दिया.
संतों के लिए है ये नियम
भगवत मार्ग में चल रहे लोगों के लिए नियम है कि वे लहसुन-प्याज ना खाएं क्योंकि ये तमोगुणी वस्तु है. इसलिए उसके लिए जरूरी है कि वो उस नियम से चले क्योंकि वह संत है और संत परंपरा से जुड़े नियमों का पालन करना उसका धर्म है. इसमें सात्विक भोजन ही करना जरूरी है. लेकिन जो विद्यार्थी हैं या बड़े कारोबारी, आर्मी मेन, अक्सर यात्रा करने वाले, विदेश में रहने वाले लोगों के लिए लहसुन-प्याज का त्याग करना बहुत मुश्किल है. उनके लिए हर जगह बिना लहसुन-प्याज का भोजन उपलब्ध नहीं हो पाएगा. इसलिए उनके लिए लहसुन-प्याज खाना पाप की श्रेणी में नहीं आएगा.
पाप कर्म नहीं है लहसुन-प्याज खाना
लहसुन-प्याज खाना गृहस्थ जीवन में बहुत यात्रा करने वाले या बाहर रहने वाले लोगों के लिए वैसा नहीं है जैसा- शराब पीना, मांसाहार करना है. शराब, मांस-मछली खाना अभक्ष कर्म है. इससे तो दूर ही रहना है. लेकिन जब व्यवस्था ना हो तो लहसुन-प्याज खाया जा सकता है क्योंकि उन पर गृहस्थ जीवन की जिम्मेदारियां हैं, वे बैरागी नहीं है कि इतने नियमों का पालन कर सकें.
दरअसल, प्याज-लहसुन भी वैसे ही पैदा होता है जैसे आलू. लेकिन प्याज-लहसुन को तामसिक चीजों की श्रेणी में रखा गया है. इसलिए भगवत प्राप्ति के मार्ग पर चल रहे लोगों को इसका सेवन करने की मनाही की गई है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)