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Holika Dahan 2023: होलिका दहन के लिए पहले से ही तैयार कर लें पूजन की थाली, वरना अधूरी रह जाएगी पूजा

Holika Dahan Pujan Samgri: होली से एक दिन पहले होलिका दहन की पूजा की जाती है. इस साल होलिका दहन 07 मार्च 2023 मंगलवार के दिन की जाएगी. मान्यता है कि होलिका दहन के दिन पूजा करने से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं.

 

फाइल फोटो
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shilpa jain|Updated: Mar 06, 2023, 04:20 PM IST

Holi Puja Samagri List In Hindi: हिंदू धर्म में होली का त्योहार बहुत ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन देशभर में रंगों का त्योहार होली मनाई जाती है. बता दें कि इस बार होलिका दहन 7 मार्च के दिन किया जाएगा और होली का पर्व 8 मार्च को मनाया जाएगा.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलिका दहन के दिन पूजा करने से घर में किसी प्रकार का कोई संकट नहीं आता. इस दिन पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. इस दिन महिलाएं दिन के समय होलिका पूजा करती हैं और शाम को शुभ मुहूर्त में दहन किया जाता है. ज्योतिषीयों का कहना है कि होलिका दहन की पूजा करते समय कोई गलती नहीं करनी चाहिए. कहते हैं कि आपकी एक गलती परिवार के सदस्यों पर भारी पड़ सकती है. जानें इस होलिका दहन के लिए पूजन सामग्री और किन बातों का रखें खास ख्याल.

होलिका दहन की पूजन सामग्री

होलिका दहन से पहले महिलाएं घर के बड़ों और बच्चों के साथ होलिका पूजन को जाती हैं. इस दिन घर के पास किसी चौराहे पर गोबर के उपले व लकड़ियों से होलिका बनाई जाती है. इसके बाद विधिविधान के साथ पूजन किया जाता है. इस दिन पूजन सामग्री में कच्चा सूत, जल का लोटा, गुलाल, मीठे पकवान, गोबर की बनी होलिका, बताशे, रोली, गेंहू का बालियां, साबुत हल्दी, साबुत मूंग और फूलों की माला जरूर शामिल करें. इन चीजों के साथ  होलिका पूजन करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.

रखें इन बातों का खास ख्याल

- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलिका दहन की पूजा से पहले सर्वप्रथम गणेश भगवान और फिर हनुमान जी और शीतला माता को प्रणाम करना न भूलें.

- होलिका दहन की पूजा के दौरान जरूर सामग्री जैसे घी का दीपक, फूलों की माला, चावल, पानी और जौं-गेंहू आदि अर्पित करें.

- कहते हैं कि होलिका दहन के बाद ठंडा पानी जरूर डालना चाहिए.

- होलिका दहन के बाद घर आकर होलिका दहन की कथा और आरती अवश्य करें. इसके बाद ही पूजा को पूर्ण माना जाता है.

- कहते हैं कि होलिका दहन पूर्णिमा तिथि के दिन होता है. ऐसे में अगर कोई इस दिन पूर्णिमा का व्रत रखता है, तो उसे विधिपूर्वक सत्यनारायण भगवान की पूजा और कथा भी करनी चाहिए.

- होलिका दहन के समय मन में बुरे विचारों को न आने दें. मन में भगवान के नाम का स्मरण करें.

- ऐसा माना जाता है कि रात्रि में होलिका दहन से पहले स्नान अवश्य कर लें इसके बाद ही पूजा में शामिल हों.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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