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Vishnu Bhagwan Puja: गुरुवार को कभी भी कर लें ये छोटा-सा उपाय, धन-दौलत में होगी अपार वृद्धि; जीवन में नहीं रहेगा कोई कष्ट

Guruwar Mantra: हिंदू धर्म में सभी दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित हैं. ऐसे में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित माना जाता है. इस दिन खास विधि से पूजा करने और व्रत आदि रखने से बृहस्पति देव और विष्णु भगवान की कृपा प्राप्त होती है. 

 
फाइल फोटो
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Zee News Desk|Updated: Dec 08, 2022, 11:13 AM IST

Thursday Puja Vidhi: गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित है. इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने  और व्रत रखने से विष्णु भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी कष्ट दूर कर देते हैं. गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा का विशेष विधान है. इस दिन सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करने से व्यक्ति की जीवन के सभी दुख नष्ट होते हैं. इस दिन पूजा के बाद भगवान की आरती और मंत्र जाप करने से ही पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है. 

ज्योतिष शास्त्र में मंत्र जाप का विशेष महत्व बताया गया है. कहते हैं कि मंत्रों के जाप से भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं जल्द पूरी करते हैं. आंतरिक शांति और धन-वैभव की प्राप्ति के लिए मंत्रों का जाप विशेष रूप से फलदायी बताया गया है. आइए जानते हैं गुरुवार के दिन भगवान विष्णु के किन चमत्कारी मंत्रों का जाप किया जाता है. 

गुरुवार के दिन कर लें इन मंत्रों का जाप

1. श्री विष्णु मूल मंत्र
ॐ नमोः नारायणाय॥

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरुवार के दिन विष्णु भगवान के मूल मंत्र का जाप करने से जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं. इस मंत्र का जाप 21 बार करना बेहद शुभ माना गया है.

2. श्री विष्णु भगवते वासुदेवाय मंत्र
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान विष्णु के इस मंत्र का जाप कम से कम 51 बार करने से लाभ होता है. 

3. श्री विष्णु गायत्री मंत्र
ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि
तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्

शास्त्रों के अनुसार श्री विष्णु गायत्री मंत्र का जाप कम से कम 101 बार करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है. 

4. मंगल श्री विष्णु मंत्र
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः

इस मंत्र का जाप 12 बार करने से लाभ होता है. कहते हैं कि ये श्री हरि भगवान विष्णु का मूल मंत्र है. 

भगवान श्री विष्णु जी की आरती

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥

जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय...॥

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय...॥

तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय...॥

तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय...॥

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय...॥

दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय...॥

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय...॥

तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय...॥

जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय...॥

शाम के समय भगवान श्री विष्णु जी की आरती करें. इसके लिए पहले घी का दीपक भगवान के सामने जलाएं और प्रेम सहित भगवान की आरती उतारें. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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