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Pauranik Katha: कैसे और क्यों हुई थी गणेश जी की दो शादियां? पढ़ें रोचक कथा

Lord Ganesha Pauranik Katha: गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है क्योंकि वो भक्तों के विघ्न को हर लेते हैं और सुख-शांति का वास होता है. शास्त्रों के अनुसार गणेश जी की दो  शादियां हुईं थीं. क्या आप जानते हैं इसके पीछे की कहानी? आइए जानते हैं रोचक कथा.

Pauranik Katha: कैसे और क्यों हुई थी गणेश जी की दो शादियां? पढ़ें रोचक कथा
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Gurutva Rajput|Updated: May 08, 2024, 11:37 AM IST

Ganesh Vivah Katha: हिन्दू धर्म में सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा करने का विधान है. मान्यता है कि गणेश जी की पूजा करने से शुभ परिणाम मिलते हैं. गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है क्योंकि वो भक्तों के विघ्न को हर लेते हैं और सुख-शांति का वास होता है. शास्त्रों के अनुसार गणेश जी की दो  शादियां हुईं थीं. क्या आप जानते हैं इसके पीछे की कहानी? आइए जानते हैं रोचक कथा.

पहली पौराणिक कथा
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार गणेश जी की शादी को लेकर 2 कथाएं वर्णित है. पहली पौराणिक कथा के अनुसार एक बार गणेश जी तपस्या कर रहे थे तब वहां से तुलसी माता जा रही थीं. उनकी नजर गणेश जी पर पड़ी और वो उनसे मोहित हो गई. तुलसी जी विघ्नहर्ता से शादी करना चाहती थी, लेकिन उस समय गणेश जी ब्रह्मचर्य का पालन कर रहे थे. इस कारण उन्होंने शादी से इनकार कर दिया. शादी से इनकार करने के बाद तुलसी जी ने गणेश जी को श्राप दे दिया कि उनके दो विवाह होंगे. इसके बाद गणेश जी ने तुलसी जी को श्राप दिया कि उनका विवाह किसी असुर से होगा. इस कारण आज भी गणेश जी को तुलसी दल अर्पित नहीं किया जाता है.

दूसरी पौराणिक कथा
दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार  भगवान गणेश के शरीर की बनावट के कारण कोई भी उनसे विवाह नहीं करना चाहता था. इससे परेशान हो कर वह दूसरों की शादी में भी विघ्न डालने लगे थे. अपने वाहन मूषक के साथ मिलकर गणेश जी दूसरों की शादी होने नहीं देते थे. इससे देवी-देवता काफी परेशान हो गए थे. 

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इस कारण हुई रिद्धि सिद्धि से शादी
देवी-देवता अपनी समस्या को लेकर ब्रह्मा जी के पास पहुंचे. समस्या को सुनकर ब्रह्मा जी ने अपनी मानस पुत्रियों रिद्धि सिद्धि को गणेश जी के पास शिक्षा लेने के लिए भेज दिया. इसके बाद गणेश जी दोनों को शिक्षा देने लगे. वहीं, जब गणेश जी शादी में विघ्न डालते थे तो दोनों पुत्रियां गणेश जी का ध्यान भटका देती थीं. इसके बाद देवी-देवताओं के विवाह संपन्न होने लगे. जब गणेश जी को दोनों के इस काम के बारे में पता चला तो वो काफी क्रोधित हो गए. जैसे ही गणेश जी श्राप देने वाले थे वहां ब्रह्मा जी पहुंचे और गणेश जी को सुझाव दिया कि वो रिद्धि सिद्धि से विवाह कर लें. सुझाव को स्वीकार करते हुए गणेश जी ने रिद्धि सिद्धि से शादी कर ली.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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