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Eid 2024: ईद-उल-फितर कब है, 10 या 11 अप्रैल? खत्‍म होगा 1 महीने का रोजा, खाई जाएगी सेवईयां

Eid-ul-Fitr 2024 in India Date: इस समय इस्‍लामिक कैलेंडर का नौवां महीना रमजान चल रहा है. रमजान के पवित्र महीने में रोजे रखे जाते हैं और फिर महीने के आखिर में चांद दिखने पर ईद मनाई जाती है.

Eid 2024: ईद-उल-फितर कब है, 10 या 11 अप्रैल? खत्‍म होगा 1 महीने का रोजा, खाई जाएगी सेवईयां
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Shraddha Jain|Updated: Apr 02, 2024, 03:37 PM IST

Mithi Eid 2024 kab hai: इस्‍लाम में रमजान के महीने को बहुत पवित्र महीना माना गया है. यह इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना होता है और इसे माह-ए-रमजान भी कहा जाता है. मुस्लिम समुदाय के हर वयस्‍क व्‍यक्ति पर रमजान महीने में रोजे रखना फर्ज होता है. केवल बीमार और गर्भवती महिलाओं को ही इससे छूट मिली हुई है. 

30 दिन तक चलते हैं रोजे 

रोजे के दौरान तड़के सुबह उठकर सेहरी की जाती है और फिर पूरे दिन उपवास रखा जाता है. फिर सूर्यास्‍त के बाद इफ्तार करके रोजा खोला जाता है. रोजे रखना काफी कठिन होता है. इसमें पूरे दिन बिना कुछ खाए, बिना पानी पिए रहना होता है. उपवास करने के साथ-साथ रमजान के महीने में ज्‍यादा से ज्‍यादा समय तब अल्‍लाह की इबादत की जाती है और अपने गुनाहों की माफी मांगी जाती है. एक महीने के रोजे के बाद खुशी और उल्‍लास के साथ ईद मनाई जाती है. रमजान के बाद पड़ने वाली ईद को ईद-उल-फितर, छोटी ईद और मीठी ईद कहते हैं. दरअसल इस ईद में मीठी सेवईयां खाई और खिलाई जाती हैं इसलिए इसे मीठी ईद कहते हैं. 

चांद का दीदार होने पर मनेगी ईद 

रमजान के महीने के आखिरी दिन जब चांद दिखाई देता है तो उसके अगले दिन ईद-उल-फितर यानी ईद मनाई जाती है. एक महीने तक रोजा रखने के बाद ईद के इंतजार की खुशी अलग ही होती है. ईद की तारीख चांद दिखने से ही तय होती है. ईद का चांद दिखने पर ईद की तारीख का ऐलान सबसे पहले सऊदी अरब में ही किया जाता है. 

2024 में कब है ईद-उल-फितर?

इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार ईद 10वें शव्वाल (महीने) की पहली तारीख को मनाई जाती है. भारत में इस बार यह तारीख 10 या 11 अप्रैल को पड़ रही है. ऐसे में यदि 9 अप्रैल की शाम को चांद दिखाई दे जाता है तो ईद 10 अप्रैल को मनाई जाएगी. वहीं 10 अप्रैल को चांद दिखने की सूरत में ईद का त्‍योहार 11 अप्रैल को मनाया जाएगा. 

...इसलिए मनाई जाती है ईद-उल-फितर 

मान्यता है कि सबसे पहली बाद ईद सन् 624 ईस्वी में पैगंबर मुहम्मद ने मनाई थी. दरअसल यह ईद पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब ने बद्र के युद्ध में जीत होने की खुशी में मनाई थी. तब से ही रमजान के बाद ईद मनाने की परंपरा जारी है. मुस्लिम समुदाय साल में 2 बार ईद मनाते हैं. ईद-उल-फितर के अलावा ईद-उल-अजहा भी मनाई जाती है. ईद-उल-अजहा को बकरीद भी कहते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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