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Narak chaturdashi 2023: नरक चतुर्दशी के दिन करें ये एक टोटका, पैसों की तंगी होगी दूर, धन की होने लगेगी वर्षा

Narak chaturdashi: नरक चतुर्दशी के दिन लक्ष्मी जी तेल में निवास करती हैं, उस दिन शरीर में तेल लगाने से आर्थिक रूप से संपन्नता आती है. जो लोग आर्थिक तंगी से परेशान हों उन्हें इस दिन शरीर पर तेल अवश्य ही लगाना चाहिए, उनके पास पैसा आने लगेगा.  

Narak chaturdashi 2023: नरक चतुर्दशी के दिन करें ये एक टोटका, पैसों की तंगी होगी दूर, धन की होने लगेगी वर्षा
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Shilpa Rana|Updated: Nov 11, 2023, 10:04 AM IST

Narak chaturdashi upay: छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी या नरक चौदस इस बार 12 नवंबर को ही मनाई जाएगी जिस दिन दीपावली का मुख्य उत्सव है. इस तारीख को अभी से नोट कर लें. यदि आप भी पैसों की तंगी से परेशान हैं जीवन जीने में पग पग पर बाधाएं आ रही हैं तो यह लेख आपके लिए ही है. इस नरक चतुर्दशी को इस उपाय को करने से आपकी सारी गरीबी दूर हो जाएगी और आपके घर भी होने लगेगी धनवर्षा, दूर हो जाएंगे जीवन के सारे आर्थिक कष्ट. एक बात समझनी होगी कि किसी भी पर्व को मनाने का मूल उद्देश्य सकारात्मक भाव के साथ ईश्वर से प्रार्थना करना ही होता है. ईश्वर के शरण में जाने वालों को ही उनकी कृपा व आशीर्वाद मिलता है. 

नरक चतुर्दशी का शाब्दिक अर्थ है चतुर्दशी के दिन मलिनता को दूर करना. इसलिए इस दिन के पहले ही लोग घरों की अच्छी तरह से सफाई करते हैं. आप जानते हैं कि घर की नाली सबसे अधिक मलिन होती है इसलिए नरक चौदस पर नाली के किनारे दीपक जलाने का प्रावधान है. नरक चतुर्दशी के दिन लक्ष्मी जी तेल में निवास करती हैं, उस दिन शरीर में तेल लगाने से आर्थिक रूप से संपन्नता आती है. जो लोग आर्थिक तंगी से परेशान हों उन्हें इस दिन शरीर पर तेल अवश्य ही लगाना चाहिए, उनके पास पैसा आने लगेगा.  

इस दिन को लेकर हैं कई तरह की मान्यताएं
नरक चतुर्दशी को लेकर कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं. पहली मान्यता के अनुसार इसी दिन राम भक्त हनुमान जी का जन्म हुआ था. इस दिन हनुमान जी की आराधना जरूर ही करनी चाहिए. इस दिन जिन लोगों का पूरा परिवार मिल कर सौ बार हनुमान चालीसा का पाठ करता है उनके परिवार से दुखों का अंत हो जाता है, उन्हें जीवन में कई प्रकार के बंधन संकट व तनाव से मुक्ति मिल जाती है. गोस्वामी तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा में “जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महा सुख होई” लिखा भी है. कहा जाता है कि दीपावली के दिन ही लंका विजय कर भगवान श्री राम लक्ष्मण एवं सीता माता के साथ अयोध्या लौटे थे. सूचना आने के बाद से लोग दीपोत्सव करने लगे थे. माना जाता है कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था, इसीलिए इसको नरक चतुर्दशी भी कहते हैं.

यम को खुश कर पाएं तकलीफों से मुक्ति 
इस दिन का महत्व सूर्य पुत्र यम को लेकर भी जुड़ा है. इनका नाम सुनते ही व्यक्ति डर जाता है वह देवता हैं सूर्यपुत्र यम. उन्हें प्रसन्न करने से व्यक्ति की अकाल मृत्यु नहीं होती है. उनके नाम पर घर के दक्षिण दिशा में चौमुखी दीपक जलाया जाता है. नरक चतुर्दशी या छोटी दीपावली को प्रातःकाल हाथी को गन्ना या मीठा खिलाने से जीवन की तकलीफों से मुक्ति मिलती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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