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Budhwar Upay: बुधवार के दिन करें इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ, विघ्नहर्ता होंगे प्रसन्न, सुखमय बीतेगा जीवन

Budhwar Upay: सप्ताह का तीसरा दिन यानी बुधवार गणेश जी की को समर्पित होता है. ये दिन गणेश जी की पूजा करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश जी की पूजा करने से सुख-शांति बनी रहती है.

Budhwar Upay: बुधवार के दिन करें इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ, विघ्नहर्ता होंगे प्रसन्न, सुखमय बीतेगा जीवन
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Gurutva Rajput|Updated: May 21, 2024, 05:14 PM IST

Ganesh Stotra: सप्ताह का तीसरा दिन यानी बुधवार गणेश जी की को समर्पित होता है. ये दिन गणेश जी की पूजा करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश जी की पूजा करने से सुख-शांति बनी रहती है और जीवन के विघ्न कम होते हैं. साथ ही सुख, समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है. बुधवार के दिन गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए गणेश स्त्रोत का पाठ कर सकते हैं. इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ करने गणेश जी प्रसन्न होते हैं और साथ ही कई अद्भुत फायदे भी मिलते हैं. 

यहां पढ़ें गणेश स्तोत्र

प्रणम्य शिरसा देवं गौरी विनायकम् ।
भक्तावासं स्मेर नित्यमाय्ः कामार्थसिद्धये ॥॥
प्रथमं वक्रतुडं च एकदंत द्वितीयकम् ।
तृतियं कृष्णपिंगात्क्षं गजववत्रं चतुर्थकम् ॥॥

लंबोदरं पंचम च पष्ठं विकटमेव च ।
सप्तमं विघ्नराजेंद्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम् ॥॥
नवमं भाल चंद्रं च दशमं तु विनायकम् ।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजानन् ॥॥

द्वादशैतानि नामानि त्रिसंघ्यंयः पठेन्नरः ।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो ॥॥
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मो क्षार्थी लभते गतिम् ॥॥

जपेद्णपतिस्तोत्रं षडिभर्मासैः फलं लभते ।
संवत्सरेण सिद्धिंच लभते नात्र संशयः ॥॥
अष्टभ्यो ब्राह्मणे भ्यश्र्च लिखित्वा फलं लभते ।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः ॥॥

॥ इति श्री नारद पुराणे संकष्टनाशनं नाम श्री गणपति स्तोत्रं संपूर्णम् ॥

गणेश स्तोत्र का पाठ करने के फायदे

- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश स्तोत्र का पाठ करने से जीवन हमेशा सुखमय बीतता है.

गणेश स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है

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स्तोत्र का पाठ करने के बाद करें गणेश आरती

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।

माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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