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Budh Pradosh Vrat 2023: भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत के दिन कर लें ये आसान-सा काम

Pradosh Vrat 2023: हिंदू धर्म प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का दिन भोलेनाथ को समर्पित है. इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.

 

फाइल फोटो
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shilpa jain|Updated: May 01, 2023, 06:36 PM IST

Budh Pradosh Vrat 2023 Upay: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सोमवार का दिन, प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का दिन बेहद खास माना गया है.  कहते हैं कि इन दिनों में की गई शिव जी की आराधना से वे जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.  

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भक्तों के दुख-दर्द दूर करने के लिए और जीवन में आ रही समस्याएं आदि दूर करने के लिए प्रदोष व्रत के दिन व्रत रखने की परंपरा है. बता दें कि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 3 मई 2023 बुधवार के दिन रखा जाएगा. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पूजा-पाठ के साथ मंत्रों का जाप किया जाए, तो साधक को सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.

बुध प्रदोष के दिन करें इन मंत्रों का जाप

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जीवन में आ रही समस्याओं और दुख-दर्द से निजात पाने के लिए प्रदोष व्रत के दिन कुछ विशेष मंत्रों के जाप का विशेष महत्व बताया गया है. आइए जानते हैं भगवान शिव को समर्पित ऐसे ही कुछ चमत्कारी मंत्रों के बारे में. अगर इन मंत्रों का जाप सही विधि और सच्चे मन से किया जाए तो भक्तों की सभी इच्छाएं जल्द पूरी होती हैं और भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है.  

- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन 'ॐ नमः शिवाय' का जाप कम से कम 108 बार अवश्य करना चाहिए. इससे मन- मस्तिष्क शांत बना रहता है और भगवान शिव की कृपा भक्तों पर हमेशा बनी रहती है. कहते हैं कि साधक को धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है.

- ऐसी मान्यता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव का अभिषेक करते समय महामृत्युंजय मंत्र 'ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।' का जाप निरंतर करते रहने से भय से मुक्ति मिलती है. और भोलेनाथ की कृपा प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता.

- प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के गायत्री मंत्र 'ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि! तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ।।' के जाप को बहुत ही प्रभावशाली माना गया है.भगवान शिव के गायत्री मंत्र को लेकर मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन में आ रही बाधाएं हमेशा के लिए दूर होती हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

 

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