Buddha Purnima ka Mahatva: 23 मई, गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा है. वैशाख पूर्णिमा को ही बुद्ध पूर्णिमा कहते हैं. वैसे तो हिंदू धर्म में सभी पूर्णिमा तिथि को महत्वपूर्ण माना गया है लेकिन कुछ पूर्णिमा विशेष मानी गई हैं. इसमें वैशाख पूर्णिमा एक है. यह तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है. वैशाख पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करना और भगवान विष्णु की पूजा करना ना केवल सारे पाप नष्ट कर देता है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि भी लाता है. इस बार तो वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा इसलिए और भी ज्यादा खास है क्योंकि कल 23 मई को पूर्णिमा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और शिव योग बन रहे हैं. इसके अलावा शुक्र-सूर्य युति से शुक्रादित्य योग और गुरु-शुक्र की युति से गजलक्ष्मी राजयोग का निर्माण भी हो रहा है. इतने सारे शुभ योगों में स्नान-दान, पुण्य, पूजा-पाठ करना कई गुना ज्यादा लाभ देगा.
बुद्ध पूर्णिमा स्नान-दान शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 22 मई की शाम 5 बजकर 50 मिनट से 23 मई की शाम 6 बजकर 20 मिनट तक रहेगी. इस बीच वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा पर स्नान दान का समय 23 मई, गुरुवार को सुबह 4 बजकर 04 मिनट से सुबह 5 बजकर 26 मिनट तक ही रहेगा. वहीं वैशाख पूर्णिमा पर पूजा का समय सुबह 10 बजकर 35 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा.
बुद्ध पूर्णिमा पूजा विधि
बुद्ध पूर्णिमा या वैशाख पूर्णिमा के दिन गंगा या अन्य किसी पवित्र नदी में स्नान करें. फिर साफ-सुथरे कपड़े पहनकर गंगाजल मिलाकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें. इस दिन पीपल के पेड़ को भी जल अर्पित करना बहुत लाभ देता है.
स्नान के बाद भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें. इस दौरान भगवान विष्णु-माता लक्ष्मी के सामने घी का दीपक जलाएं. उन्हें फल, फूल, मिठाई अर्पित करें. ध्यान रहे कि पूजा में तुलसी दल जरूर अर्पित करें, यह भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है. फिर विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें. अंत में आरती करें.
वैशाख पूर्णिमा का दान
कई लोग वैशाख पूर्णिमा के दिन व्रत भी रखते हैं लेकिन व्रत-पूजा का पूरा फल तभी मिलता है जब दान-पुण्य भी किया जाए. वैशाख पूर्णिमा के दिन ब्राह्मण को पानी से भरा घड़ा, मिठाई, फल का दान करें. जरूरतमंदों को भी अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)