Surya Grah Upay: संसार में प्रत्यक्ष रूप से दर्शित होने वाले एक मात्र सूर्यदेव ही हैं. सूर्य की पूजा अर्चना कर पापों को नष्ट किया जा सकता है और व्यक्ति कई कामों में सफलता पा सकता है. कुंडली में सूर्य के खराब होने से विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. सूर्य नारायण यदि कुंडली में कुपित हो जाए तो अमुक व्यक्ति कई प्रकार से रोगों से ग्रस्त रहता है, वहीं मजबूत स्थिति में आ जाए तो रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि कर देते हैं. सूर्य देव के नाराज होने से कौन से रोग जन्म लेते हैं और उनके उपाय के विषय में जानेंगे.
अल्सर, फेफड़े, दिल की बीमारियों के उपाय
जो लोग अल्सर की बीमारी, फेफड़े और हृदय रोग से ग्रसित हैं, उन्हें सूर्य की उपासना करनी चाहिए. रविवार के दिन जल में लाल रंग का फूल डालकर सूर्य भगवान को जल का अर्घ्य दे. गुड़ के बने पुए आदि दान करें. यह उपाय लगभग 1 वर्ष तक करने से आपको इससे संबंधित समस्याओं में सुधार होता नजर आएगा.
माइग्रेन का उपाय
कुछ लोगों को अत्यधिक सिर में दर्द, आंखों में समस्या या फिर माइग्रेन की दिक्कत रहती है, जिससे बहुत दर्द का सामना करना पड़ता है. ऐसी स्थिति सूर्य के बिगड़ने से हो सकती है. उपाय के तौर पर सूर्य देव को जल देना चाहिए ध्यान रहे यह छूटना नहीं चाहिए. लाल रंग का फल जैसे -सेब का भोग लगा सकते हैं.
हड्डियों से संबंधित रोग
हड्डियों से संबंधित रोग अर्थराइटिस अन्य प्रकार से हड्डी में विकार की स्थिति होने पर सूर्य की उपासना करना अति लाभकारी सिद्ध होता है. पिता व पिता तुल्य लोगों की सेवा, सूर्य नारायण को नियमित जल अर्घ्य देने के साथ ही आपको नियमों का पक्का बनना है. यह छोटे और सरल उपाय सूर्यदेव को प्रसन्न कर रोगों से छुटकारा दिलाने में कारगर साबित हो सकते हैं.
नोट - इन सभी उपायों को शुभ समय में यदि शुरुआत करेंगे तो आपको जल्द ही अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे. ऐसे में 15 जनवरी को पड़ने वाले सूर्य की मकर संक्रांति से आप उपायों को शुरुआत कर सकते हैं,